ओडिशा पंचायत चुनाव : सरपंच की नीलामी, 44 लाख में बिका
ओडिशा पंचायत चुनाव से ठीक पहले बलांगीर जिले के एक पंचायत में सरपंच 44 लाख में बिका |दरअसल प्रभावशाली लोगों ने सरपंच के पद की बोली लगवाकर नीलाम कर दिया |
भुवनेश्वर| ओडिशा पंचायत चुनाव से ठीक पहले बलांगीर जिले के एक पंचायत में सरपंच 44 लाख में बिका | दरअसल प्रभावशाली लोगों ने सरपंच के पद की बोली लगवाकर नीलाम कर दिया | उनका दावा है कि इस राशि का इस्तेमाल विकास कार्यों में होगा।उधर जिला प्रशासन ने मामले की जाँच के आदेश दिए हैं | इस पंचायत में 18 फरवरी को पंचायत चुनाव होने हैं।
लोकसभा-विधानसभा चुनाव जीतकर नेताओं के बिकने की खबर आये दिन सुनने को मिलती हैं | पर चुनाव से पहले ही उस पद को खरीद लिए जाने की खबर सबको हैरान कर देती है | कुछ ऐसा ही देखने में आया है ओडिशा में|
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा के बलांगिर जिले के सुदूर बिलइसारदा ग्राम पंचायत में कुछ प्रभावशाली लोगों ने सरपंच का पद 44 लाख रुपये में नीलाम कर दिया।
बताया गया कि बोली लगाने वालों में 4 लोग शामिल थे जिनमें से एक ने सबसे अधिक 44 लाख रुपये की बोली लगाई और निर्विरोध सरपंच उम्मीदवार चुने गए। जबकि राज्य चुनाव आयोग ने चुनावी खर्चे की अधिकतम सीमा 2 लाख रुपये तय की है। लोगों का कहना है कि इस राशि का उपयोग गांव स्थित जगन्नाथ मंदिर के विकास कार्य में किया जाएगा।
बिलइसारदा पंचायत में तीन गांव -बिलइशारदा, बंदनाकंता और कसुरुपलि आते हैं । यहां 15 वार्ड हैं और करीब 2000 की आबादी है।
बिलइसारदा के दीनाबंधु गडतिया के मुताबिक तीनों गांव के कुछ प्रभावशाली लोगों की एक मीटिंग रखी गई थी जिसमें उन्होंने सरपंच के पद की नीलामी का फैसला लिया। यह राशि जगन्नाथ मंदिर समिति फंड को जाएगी।
पद के लिए सबसे बड़ी बोली लगाने वाले पेशे से ठेकेदार सुशांता चटरिया के मुताबिक चुनाव में रुपये और दूसरे प्रलोभनों को रोकने के लिए लोगों ने एकमत रूप से नीलामी का फैसला लिया। मुझे सरपंच पद का एकमात्र उम्मीदवार बनाने के लिए समर्थन दिया।
हालाकि गाँव के एक दो लोगों ने इस तरह की बोली का विरोध किया पर किसी ने उसे गंभीरता से नहीं लिया |
मीडिया से बातचीत में बलांगीर कलेक्टर चंचल राणा ने कहा, वे इस घटना से अवगत नहीं हैं और इसकी जांच कराई जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी ।’