भयावह इतना क्यों होता जा रहा है कोरोना?
भयावह इतना क्यों होता जा रहा है कोरोना? दरअसल हमारे असंयमित व्यवहार और कोविड नियमों का पालन पूरी तरह नहीं करने पर यह वापस से फिर बढ़ रही है| लोगों की सामान्य भूल हैं कि मुझे कोविड हो गया होगा और मैं ठीक हो गया हूं और मेरी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ गई है। यह समझ पूरी तरह से गलत है।-
-डॉ. सुष्मिता खनूजा
भयावह इतना क्यों होता जा रहा है कोरोना? दरअसल हमारे असंयमित व्यवहार और कोविड नियमों का पालन पूरी तरह नहीं करने पर यह वापस से फिर बढ़ रही है| लोगों की सामान्य भूल हैं कि मुझे कोविड हो गया होगा और मैं ठीक हो गया हूं और मेरी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ गई है। यह समझ पूरी तरह से गलत है।
कोरोना की शुरुआत हमेशा कम लक्षणों से ही होती है, अगर हम समय पर सचेत हो जाएं, डॉक्टर की निगरानी में अपना टेस्ट कराएं और ट्रीटमेंट लेंगे तो इस बीमारी से ठीक हो सकते हैं।
एक वर्ष से ज्यादा हो गया अब इस कोरोना वायरस के साथ जीते। अभी भी हम इतनी लापहरवाही कर रहे की मरीजो की संख्या में लगातार नए रिकॉर्ड के साथ वृद्धि हो रही ही…
कोरोना वायरस का नया म्यूटेंट वायरस पहले से अधिक घातक और तेजी से फैलने वाला है। इसकी रोकथाम के लिए सामान्य सर्दी, खांसी के लक्षण होने पर भी तत्काल कोरोना की जांच कराएं। 45 वर्ष से अधिक आयु के लोग टीकाकरण कराएं और कोरोना को हराएं।
पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में कोविड के पाजिटिव मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, नया वायरस इतना घातक है कि यह तेज़ी से फैलने के साथ एडमिट होने वाले मरीजों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है।
हम सभी को गंभीरतापूर्वक समझना होगा कि हम कहीं ना कहीं कोविड नियमों जैसे मास्क,हैंडवाश,सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने में लापरवाही बरत रहे हैं।
यह महामारी एक स्तर तक पहुंचकर पर नियंत्रित हो गई थी परंतु हमारे असंयमित व्यवहार और कोविड नियमों का पालन पूरी तरह नहीं करने पर यह वापस से फिर बढ़ रही है|
लोगों की सामान्य भूल हैं कि मुझे कोविड हो गया होगा और मैं ठीक हो गया हूं और मेरी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ गई है। यह समझ पूरी तरह से गलत है। इस बीमारी की शुरुआत हमेशा कम लक्षणों से ही होती है, अगर हम समय पर सचेत हो जाएं, डॉक्टर की निगरानी में अपना टेस्ट कराएं और ट्रीटमेंट लेंगे तो इस बीमारी से ठीक हो सकते हैं।
पर यदि हम खुद बिना टेस्ट कराए बिना डाक्टर की सलाह के होकर दवाईयां खाएंगे और टेस्ट नहीं कराएंगे तो यह बीमारी घातक रूप ले लेगी और इससे हम ही नहीं हमारे परिवार के अन्य सदस्य आस-पड़ोस के लोग भी संक्रमित हो सकते हैं।
इसी तरह अगर लक्षण आने के बावजूद हम बिना टेस्ट कराए, सब जगह घूमेंगे तो बाकी जगह भी हम सबको इंफेक्शन फैला सकते हैं।
जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है, हो सकता कि उनमें से 90 प्रतिशत लोगो में इस बीमारी के कम लक्षण आकर संक्रमण ठीक भी हो गया हो।
परंतु ऐसे लोगों द्वारा कोविड नियमो का पालन नहीं करने की लापरवाही कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों और कैंसर, किडनी, डायबिटीज के मरीजों तथा बुजुर्ग के लिए भारी पड़ेगी और इस बीमारी से संक्रमित होने की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी।
प्रदेश वासियों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अपने मुंह और नाक को अच्छी तरह ढंकने मास्क जरूर पहने। मास्क का कोई विकल्प नहीं है। वैक्सीन शरीर में एंटीबॉडी विकसित करती है और शरीर में वायरस से लड़ने की शक्ति पैदा करती है।
शरीर में वायरस का प्रवेश रोकने के लिए सभी लोगों से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, भीड़भाड़ में जाने से बचने और हाथों को बार-बार सैनिटाइज करते रहने जैसे नियमो का लंबे समय तक पालन करने का आग्रह कर रही हूं ताकि इस कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके।
साथ में एक निवेदन यह भी है कि बिना डॉक्टर की सलाह के दवाईयां न ले ताकि हम एंटीबॉयोटिक रेसिस्टेन्स जैसी घातकता से बच सके।
(लेखिका मस्तूरी बिलासपुर में आयुष चिकित्सा अधिकारी हैं)
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