छत्तीसगढ़: हर दिन 15 फीसदी बच्चे संक्रमित
छत्तीसगढ़ में कोरोना के नये मामलों में करीब 15 फीसदी बच्चे हैं | इन बच्चों की उम्र 18 वर्ष से कम है| विशेषज्ञों के मुताबिक कि संक्रमण की चपेट में आए बच्चों में बीमारी के लक्षण भी दिख रहे हैं जो अब तक दिखाई नहीं दे रहे थे | इसी बीच छत्तीसगढ़ के 50 फीसदी किशोर-किशोरियों का टीकाकरण किया जा चुका है |
रायपुर | छत्तीसगढ़ में कोरोना के नये मामलों में करीब 15 फीसदी बच्चे हैं | इन बच्चों की उम्र 18 वर्ष से कम है| विशेषज्ञों के मुताबिक कि संक्रमण की चपेट में आए बच्चों में बीमारी के लक्षण भी दिख रहे हैं जो अब तक दिखाई नहीं दे रहे थे | इसी बीच छत्तीसगढ़ के 50 फीसदी किशोर-किशोरियों का टीकाकरण किया जा चुका है |
हाल ही में रायगढ़, कोरबा ,मुंगेली और दीगर जिलों में बच्चों में संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं | इससे अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है | राजधानी रायपुर को छोड़कर बच्चों के लिए पृथक व्यवस्था नहीं की गई है |
हालाकि बच्चों में इस तरह की नौबत नहीं आई है कि उन्हें कोरोना अस्पताल में दाखिल करना पड़े |घर पर ही इलाज से वे ठीक हो जा रहे हैं |
छत्तीसगढ़ के कोरबा, रायगढ समेत कई अन्य जिलों में स्कूली बच्चे भी कोरोना की चपेट में आ चुके है। इसलिये पालकों की चिंता बढ रही है। राजधानी रायपुर समेत राज्य के शहरी इलाकों में इक्के-दुक्के अस्पताल है जहांं बच्चो का इलाज संभव है, लेकिन कोरोना का इलाज नही किया जाता। राजधानी में 2-3 अस्पतालों में कोरोना संक्रमित बच्चों के लिए पृथक व्यवस्था की गई है।
50 फीसदी किशोरों का टीकाकरण
छत्तीसगढ़ के 50 फीसदी किशोर-किशोरियों का टीकाकरण कर लिया गया है | प्रदेश में 12 जनवरी दोपहर साढ़े तीन बजे तक लाख 14 हजार 097 किशोरों को टीका लगाया जा चुका था |
छत्तीसगढ़ में 15 से 18 वर्ष की आबादी के आधे किशोरों को कोरोना से बचाव का टीका लगाया जा चुका है। इस महीने 3 जनवरी से इस आयु वर्ग के टीकाकरण की शुरूआत के बाद दसवें दिन ही राज्य ने 50 प्रतिशत का आंकड़ा छू लिया है।
प्रदेश के 12 जिले 50 प्रतिशत या इससे ज्यादा तथा कुल 22 जिले 40 प्रतिशत या इससे ज्यादा किशोरों को कोरोना वैक्सीन का पहला टीका लगा चुके हैं।
मुंगेली जिले में 15 से 18 वर्ष के किशोरों के निर्धारित लक्ष्य के 74 प्रतिशत को टीका लगाया जा चुका है। वहीं राजनांदगांव में 65 प्रतिशत, धमतरी में 64 प्रतिशत, बेमेतरा और महासमुंद में 62-62 प्रतिशत, बालोद में 58 प्रतिशत, कांकेर में 56 प्रतिशत, दुर्ग में 54 प्रतिशत, गरियाबंद में 53 प्रतिशत, बलौदाबाजार-भाटापारा में 52 प्रतिशत, बिलासपुर में 51 प्रतिशत और रायपुर में 50 प्रतिशत किशोरों का टीकाकरण हो गया है।
प्रदेश भर में इस आयु वर्ग के कुल 16 लाख 39 हजार 811 किशोरों को टीका लगाया जाना है। सभी जिलों में बनाए गए टीकाकरण साइट्स में किशोर-किशोरी उत्साह से पहुंचकर टीका लगवा रहे हैं। वर्ष 2005, 2006 और 2007 में पैदा हुए किशोरों को इन केंद्रों में टीका लगाया जा रहा है।
कोरोना सक्रंमण से बचाव के लिए अब तक मुंगेली जिले में 35 हजार 910, राजनांदगांव में 63 हजार 352, धमतरी में 31 हजार 114, बेमेतरा में 34 हजार 609, महासमुंद में 40 हजार 295, बालोद में 28 हजार 294, कांकेर में 25 हजार 534, दुर्ग में 56 हजार 569, गरियाबंद में 19 हजार 704, बलौदाबाजार-भाटापारा में 48 हजार 852, बिलासपुर में 56 हजार 066, रायपुर 72 हजार 065, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में दस हजार 162 और दंतेवाड़ा में 8488 किशोरों को टीका लगाया गया है।
कोरोनारोधी टीके की पहली खुराक जांजगीर-चांपा जिले में 49 हजार 675 किशोरों को, कबीरधाम में 26 हजार 762 को, कोंडागांव में 16 हजार 812, रायगढ़ में 39 हजार 911, कोरिया में 16 हजार 670, सूरजपुर में 20 हजार 126, बलरामपुर-रामानुजगंज में 18 हजार 828, जशपुर में 20 हजार 702, बस्तर में 19 हजार 212, सरगुजा में 19 हजार 157, कोरबा में 25 हजार 392, सुकमा में 4126, बीजापुर में 3747 तथा नारायणपुर में 1933 किशोर-किशोरियों को टीका लगाया जा चुका है।