चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज पर भाजपा के आरोपों का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिया जवाब
चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा के अन्य नेताओं के आरोपों के जवाब देते twiter पर देते कहा है- चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज पर प्रकाशित एक समाचार पर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वे सब निराधार है। यह प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज और सैकड़ों छात्रों के भविष्य को बचाने का प्रयास है। इससे एक नया मेडिकल कॉलेज बनाने का समय बचेगा व हर साल प्रदेश को डेढ़ सौ डॉक्टर मिलेंगे।
deshdigital
रायपुर | चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा के अन्य नेताओं के आरोपों के जवाब देते twiter पर देते कहा है- चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज पर प्रकाशित एक समाचार पर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वे सब निराधार है। यह प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज और सैकड़ों छात्रों के भविष्य को बचाने का प्रयास है। इससे एक नया मेडिकल कॉलेज बनाने का समय बचेगा व हर साल प्रदेश को डेढ़ सौ डॉक्टर मिलेंगे।
भूपेश बघेल ने लिखा है ,जहां तक रिश्तेदारी और निहित स्वार्थ का सवाल है तो मैं अपने प्रदेश की जनता को यह बताना चाहता हूं कि भूपेश बघेल उसके प्रति उत्तरदायी है और उसने हमेशा पारदर्शिता के साथ राजनीति की है, सरकार में भी हमेशा पारदर्शिता ही होगी। सौदा होगा तो सब कुछ साफ हो जाएगा।
भूपेश बघेल ने यह भी ट्विट किया है , यह खबर काल्पनाशीलता की पराकाष्ठा से उपजा विवाद है। जिसे मैं चुनौती देता हूं। अगर जनहित का सवाल होगा तो सरकार निजी मेडिकल कॉलेज भी ख़रीदेगी और नगरनार का संयंत्र भी। हम सार्वजनिक क्षेत्र के पक्षधर लोग हैं और रहेंगे। हम उनकी तरह जनता की संपत्ति बेच नहीं रहे हैं।
बता दें भोपाल में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आरोप लगाते ट्वीट किया है कि भूपेश बघेल अपने दामाद का निजी महाविद्यालय बचाने के लिए उसे सरकारी कोष से खरीदने की कोशिश में हैं। प्रदेश की राशि का उपयोग अपने दामाद के लिए, वो भी एक ऐसा मेडिकल कॉलेज जिस पर धोखाधड़ी के आरोप मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा लगाए गए थे। कौन बिकाऊ है और कौन टिकाऊ, इसकी परिभाषा अब साफ है।
भूपेश बघेल अपने दामाद का निजी महाविद्यालय बचाने के लिए उसे सरकारी कोष से खरीदने की कोशिश में हैं।प्रदेश की राशि का उपयोग अपने दामाद के लिए,वो भी एक ऐसा मेडिकल कॉलेज जिस पर धोखाधड़ी के आरोप मडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा लगाए गए थे।कौन बिकाऊ है और कौन टिकाऊ,इसकी परिभाषा अब साफ है!
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) July 27, 2021
इस पर cg कांग्रेस का जवाब भी देखें –
बिकाऊ तो हो महाराज आप!
लेकिन इतने सस्ते बिकोगे, ये किसी ने न सोचा था।
भूपेश जी ने चुनौती दी है, यदि दम है तो सामना कर लेना। https://t.co/KOIKQtdbmu
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) July 27, 2021
पूर्व मुख्यमंत्री Dr Raman Singh@drramansingh ने ट्विट किया है यह मामला गम्भीर है! @bhupeshbaghel
अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के लिए विधेयक ला रहे हैं। 2017 में जिस कॉलेज की मान्यता खत्म हो गई, उसे ₹125 करोड़ सरकारी खजाने से लेकर मुख्यमंत्री के परिवार को देने की तैयारी चल रही है।
यह मामला गम्भीर है!@bhupeshbaghel अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के लिए विधेयक ला रहे हैं।
2017 में जिस कॉलेज की मान्यता खत्म हो गई, उसे ₹125 करोड़ सरकारी खजाने से लेकर मुख्यमंत्री के परिवार को देने की तैयारी चल रही है। pic.twitter.com/ePvimU3hop
— Dr Raman Singh (@drramansingh) July 27, 2021
सांसद सरोज पाण्डेय ने भी अख़बार की खबर के साथ ट्विट किया है कर्ज में डूबे हुए, मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा धोखाघड़ी का आरोप लगाए गए मेडिकल कॉलेज को सरकारी पैसे से खरीद कर अपने रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाना, क्या यही था आपका “गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’@bhupeshbaghel?
कर्ज में डूबे हुए, मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा धोखाघड़ी का आरोप लगाए गए मेडिकल कॉलेज को सरकारी पैसे से खरीद कर अपने रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाना, क्या यही था आपका "गढ़बो नवा छत्तीसगढ़'@bhupeshbaghel ? pic.twitter.com/rztfE8jswL
— Saroj Pandey (@SarojPandeyBJP) July 27, 2021
Renuukaa Sinngh @renukasinghbjp का ट्विट भी देखें
जनता जान रही की कांग्रेस सरकार सिर्फ पैसा अंदर करने में लगी है। भूपेश बघेल अपने दामाद का निजी महाविद्यालय बचाने के लिए उसे सरकारी कोष से खरीदने की कोशिश में है। छत्तीसगढ की जनता की गाढी कमाई भ्रष्टाचार की भेंट चढाने के लिये नही, बल्कि राज्य के विकास के लिये है।