छत्तीसगढ़ को खाद में कटौती पर केंद्र की सफाई
छत्तीसगढ़ को रासायनिक खादों के कम आवंटन के संबंध में प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों पर केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने सफाई देते कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से खादों की आपूर्ति में कोई कमी नहीं की गई है| 17 फरवरी, 2022 तक राज्य को 3.61 लाख मीट्रिक टन की कुल आवश्यकता के मुकाबले 4.36 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराया जा चुका है।
नई दिल्ली | छत्तीसगढ़ को रासायनिक खादों के कम आवंटन के संबंध में प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों पर केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने सफाई देते कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से खादों की आपूर्ति में कोई कमी नहीं की गई है| 17 फरवरी, 2022 तक राज्य को 3.61 लाख मीट्रिक टन की कुल आवश्यकता के मुकाबले 4.36 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराया जा चुका है।
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने मीडिया रिपोर्टों पर स्पष्टीकरण दिया है कि छत्तीसगढ़ को केन्द्र की ओर से स्वीकृत 4.11 लाख टन रासायनिक उर्वरकों के आवंटन के मुद्दे पर यह स्पष्ट किया जाता है कि आम तौर पर उर्वरकों का आवंटन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू) के क्षेत्रीय सम्मेलनों के दौरान राज्य सरकारों द्वारा अनुमानित जरूरत पर आधारित होता है।
इन 4.11 लाख टन रासायनिक उर्वरकों में 2 लाख टन यूरिया, 60,000 मीट्रिक टन डीएपी, 50,000 मीट्रिक टन एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटेशियम), 26,000 मीट्रिक टन एमओपी (म्यूरेट ऑफ पोटाश यानी पोटेशियम क्लोराइड) और 26,000 मीट्रिक टन एसएसपी (सिंगल सुपरफॉस्फेट) है।
इसके अलावा छत्तीसगढ़ ने रबी सीजन (2021-22) के लिए राज्य की अनुमानित जरूरत 1.50 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 0.60 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 0.50 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.26 लाख मीट्रिक टन एमओपी और 0.75 लाख मीट्रिक टन एसएसपी बताई थी। यानी राज्य को कुल मिलाकर 3.61 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक की जरूरत है।
रबी सीजन की अवधि 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक होती है। अब तक यानी 17 फरवरी, 2022 तक राज्य को 3.61 लाख मीट्रिक टन की कुल आवश्यकता के मुकाबले 4.36 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराया जा चुका है।
साथ ही, यह भी स्पष्ट किया जाता है कि फरवरी के मध्य तक ही सीजन की लगभग 120.8 फीसदी जरूरत को पूरा कर दिया गया है। अब तक राज्य के पास बिक्री के बाद 1.85 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक उपलब्ध है।
इस आधार पर कहा जा सकता है कि भारत सरकार की ओर से उर्वरक की आपूर्ति में कोई कमी नहीं की गई है। मीडिया की रिपोर्ट में रेखांकित किया गया आंकड़ा 4.11 लाख मीट्रिक टन गलत और भ्रामक है। राज्य की कुल आवश्यकता केवल 3.61 लाख मीट्रिक टन है।
इस मुद्दे पर कि रबी सीजन के लिए जनवरी तक 2,32,000 मीट्रिक टन की मांग के मुकाबले राज्य को केवल 1,71,476 मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक प्राप्त हुए हैं, यह स्पष्ट किया जाता है कि जनवरी 2022 तक 2.32 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता की जगह भारत सरकार ने 3.61 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की है। यानी राज्य में रासायनिक उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
वहीं, इस विषय पर कि फरवरी, 2022 में राज्य को 1.20 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति के संबंध में केंद्र से आश्वासन प्राप्त के बाद भी केवल 40,686 टन आवंटित हुआ है, यह स्पष्ट किया जाता है कि भारत सरकार ने 17 फरवरी, 2022 तक 0.69 लाख मीट्रिक टन की कुल मासिक जरूरत के मुकाबले 0.75 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक की आपूर्ति की है।
मीडिया की खबर में यह भी बताया गया है कि छत्तीसगढ़ को खरीफ सीजन के दौरान भी रासायनिक उर्वरकों की कमी का सामना करना पड़ा था।
इस बारे में स्पष्ट किया जाता है कि राज्य में खरीफ सीजन-2021 (1 अप्रैल से 30 सितंबर) के लिए उर्वरक की कोई कमी नहीं थी। भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को इस सीजन के लिए 11.75 लाख मीट्रिक टन की जरूरत के मुकाबले 14.44 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक आवंटित किया था। (source PIB)