पिथौरा: किशनपुर सामूहिक हत्याकांड की जाँच CBI करेगी,  हाई कोर्ट का आदेश

पिथौरा  से लगे  ग्राम किशनपुर में 31 मई 2018 को हुए सामूहिक हत्याकांड की जांच अब हाई कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई करेगी।

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पिथौरा| पिथौरा  से लगे  ग्राम किशनपुर में 31 मई 2018 को हुए  बहुचर्चित सामूहिक हत्याकांड की जांच अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई करेगी। ज्ञात हो कि तात्कालिक पुलिसिया जांच से पीड़ितों के परिजन सन्तुष्ठ नहीं थे लिहाजा उन्होंने पूरे मामले की जांच  सीबीआई (CBI )से करवाने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

31 मई 2018 को किशनपुर में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग की एएनएम योगमाया साहू, पति चैतन्य साहू, एवम इनके दो मासूम बच्चों तन्मय साहू ,कुणाल साहू की बेरहमी से हत्या कर दी गयी थी।इस मामले में पिथौरा पुलिस द्वारा पकड़े गए सभी 5 आरोपी न्यायिक रिमांड पर महासमुन्द जेल में हैं ।

पुलिसिया जांच एवम कार्यवाही से मृतक परिवार संतुष्ट नहीं  थे लिहाजा मृतक के पिता बाबूलाल साहू द्वारा अपने वकील राघवेंद्र प्रधान के जरिये हाई कोर्ट में सीबीआई (CBI) जांच की अपील की थी। मामले की सुनवाई के दौरान प्रथम बेंच जज गौतम भादुड़ी की बेंच ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए शुक्रवार को सीबीआई जांच के आदेश दे दिए।

इधर उक्त मामले में उच्च न्यायालय ने पहले ही 10 जून 2022 को जिला न्यायालय को आदेश देते हुए अंतिम फैसले में रोक लगाई गई थी।

क्या है पूरा मामला

2018 की 30-31 मई की दरमियानी रात में बारिश और अंधड़ के बीच पिथौरा थाना क्षेत्र के किशनपुर में उक्त ए एन एम योगमाया साहू को उसके पति एवम 2 बच्चों सहित कुछ बदमाशों ने मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले में पुलिस ने गांव के धर्मेन्द्र बरिहा को गिरफ्तार किया था। इसके बाद परिजनों ने पिथौरा पुलिस से आरोपी धर्मेन्द्र बरिहा का नार्को टेस्ट कराने की मांग की। जिस पर पुलिस ने आरोपी का नार्को टेस्ट कराया।

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नार्को टेस्ट में गांव के तत्कालीन सरपंच सुरेश खुंटे, फूलसिंग यादव, गौरीशंकर केंवट और रामपुर के अखंडल प्रधान का नाम सामने आया था। जिसके बाद पुलिस ने इन्हें अप्रैल 2019 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वर्तमान में सभी आरोपी जेल में निरुद्ध है।

पहले पुलिस द्वारा मात्र धर्मेंद्र बरिहा को ही आरोपी बना कर मामला उजागर करने का दावा किया गया था परन्तु परिजन पुलिस कार्यवाही से असंतुष्ठ थे लिहाजा वे आरोपी धर्मेंद्र का नार्को टेस्ट की मांग करते रहे परन्तु पुलिस ने उनकी मांग को नजर अंदाज कर दिया|

परन्तु मृतकों के परिजन अपने मांग के साथ तात्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के जनदर्शन पहुच कर नार्को टेस्ट की मांग की थी।जिस पर डॉ रमन सिंह ने नार्को टेस्ट एवम मामले की पुनः जांच हेतु एस आई टी का तत्काल गठन कर दिया था।

इसके बाद धर्मेंद्र का नार्को टेस्ट करवाया गया। जिसमें उसने अनेक नाम उगले परन्तु पुलिस द्वारा नार्को रिपोर्ट छिपाने से मृतकों के परिजनों का संदेह और बढ़ गया। परिजन पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर अन्य सभी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर कार्यवाही की मांग करते रहे।

क्लिक करें  हाई कोर्ट का  आदेश  WP(CR)108_20(25.03.22)

इसके लिए इस परिवार से बाबूलाल साहू , तुलसीराम साव एवम राजेश चौधरी आंदोलन एवम प्रदर्शन के साथ पूरे मामले की निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग करते रहे परन्तु कहीं भी सुनवाई नहीं हुई तब उन्होंने न्याय के लिए हाई कोर्ट की शरण ली थी जिसका फैसला कल आया |  पूरे मामले की जाँच  सीबीआई (CBI) से करवाने  आदेशित  किया गया है।

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा

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