जयस्तंभचौक पर वीर नारायण सिंह की आदमकद प्रतिमा , सोनाखान तहसील

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के  जयस्तंभ चौक पर शहीद वीर नारायण सिंह की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाएगी और सोनाखान तहसील बनेगा | यह घोषणा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस पर सोनाखान में आयोजित कार्यक्रम में की |

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रायपुर | छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के  जयस्तंभ चौक पर शहीद वीर नारायण सिंह की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाएगी और सोनाखान तहसील बनेगा | यह घोषणा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस पर सोनाखान में आयोजित कार्यक्रम में की |

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने  कहा ,  9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस पर हम इसका अनावरण करेंगे | जगह तय कर लिया गया है कि यह कहाँ स्थापित होगा |

 

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इसके पहले मुख्यमंत्री ने  शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस पर अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यकम में स्वर्गीय राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा प्रयास आवासीय विद्यालय के प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित किया |

उल्लेखनीय है कि वर्ष-2021 में प्रयास आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों में से आईआईटी में 27, एनआईटी एवं समकक्ष शैक्षणिक संस्थानों में 35, सीएस फाऊंडेशन में 5, क्लेट में दो, इंजीनियरिंग कॉलेज में 61 विद्यार्थी सफल हुए हैं। मुख्यमंत्री ने सम्मान समारोह में प्रतीक स्वरूप आईआईटी, एन.आई.टी. और समकक्ष शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश प्राप्त करने वाले 10 विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए 50-50 हजार रुपए के चेक प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने स्वर्गीय राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा प्रयास आवासीय विद्यालय के वर्ष 2021-22 के प्रगति प्रतिवेदन का विमोचन किया।

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श्री बघेल ने इस अवसर पर वीर नारायण सिंह के दीन-दुखियों और गरीबों के लिए किये गए योगदान को याद करते हुए कहा है कि वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सपूत थे। शहीद वीर नारायण सिंह सोनाखान के जमींदार थे। वे लोगों के सुख-दुख में सदैव भागीदार रहते थे। वर्ष 1854-55 जब अकाल पड़ा उस समय उन्होंने कसडोल के मालगुजार से अनाज उधार लेकर प्रजा में बांटा। उन्होंने मालगुजार से कहा कि अगले बरस फसल आने पर अनाज लौटा दिया जाएगा, लेकिन उनकी शिकायत की गई और अंग्रेजों ने उनकी खोजबीन शुरू कर दी। सोनाखान, सराईपाली और बसना में उनकी अंग्रेजों से मुठभेड़ हुई, जिसमें अंग्रेजों को वापस लौटना पड़ा। बाद में मुखबिर की सूचना पर उन्हें गिरफ्तार कर रायपुर के जयस्तंभ चौक पर फांसी दे दी गई।

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