संत गोविंद राम शदाणी कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय में अहिल्या देवी त्रिशताब्दी समारोह

संत गोविंद राम शदाणी कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय में आज पुण्यश्लोक लोक माता अहिल्या देवी त्रिशताब्दी समारोह मनाया गया. कार्यक्रम महाविद्यालय के नवनियुक्त प्राचार्य डॉ डी के वर्मा जी के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित किया गया. कार्यक्रम का प्रारंभ शिव पंचाक्षरी के द्वारा किया गया.

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रायपुर|  संत गोविंद राम शदाणी कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय में आज पुण्यश्लोक लोक माता अहिल्या देवी त्रिशताब्दी समारोह मनाया गया. कार्यक्रम महाविद्यालय के नवनियुक्त प्राचार्य डॉ डी के वर्मा जी के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित किया गया. कार्यक्रम का प्रारंभ शिव पंचाक्षरी के द्वारा किया गया.

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती के अवसर पर आज लक्ष्मीबाई पर भी छात्रा रेशमी वर्मा ने काव्य पाठ किया गया. हिंदी विभाग से प्रतीकात्मक तौर पर लक्ष्मी बाई तथा अहिल्या बाईं होलकर पर प्रस्तुति दी गई. अहिल्या देवी होलकर पर डॉ मीता अग्रवाल के द्वारा अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर स्वरचित काव्य पाठ किया गया.

डॉ अंजना पुरोहित के द्वारा नवनियुक्त प्राचार्य का परिचय देने के पश्चात डॉ डी के वर्मा सर का उद्बोधन हुआ. श्री यज्ञदत वर्मा जी विद्यार्थी परिषद के प्रदेश महामंत्री का परिचय डॉ रवि शर्मा के द्वारा दिया गया. उन्होंने अपने उद्बोधन करियर के संबंध में जानकारी दी.

अहिल्या बाई स्वयं करियर, प्रबंधन का एक अच्छा उदाहरण है. जीवन में लक्ष्य के महत्व को समझाया. सूरज जैसे बनना है तो सूरज जैसे तपना होगा. अहिल्याबाई की जीवनी पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया.

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इसके पश्चात डॉ वर्णिका शर्मा का परिचय डॉ सुषमा तिवारी के द्वारा दिया. मिलिट्री साइकोलॉजी में एमएससी तथा डिफेंस में पीएच डी  हासिल की. तनाव प्रबंधन की विशिष्ट तकनीक का विकास किया. माओवादी क्षेत्र में कार्य किया. निर्भय सम्मान, समर्पण सम्मान आदि पुरस्कारों से सम्मानित मुख्य वक्ता ने कहा वर्तमान समय में पुण्य लोकमत अहिल्या देवी का जन्म शताब्दी मनाना आवश्यक है.अहिल्याबाई और संकल्प और विकल्प की बात की. जीवन उतार चढ़ाव से भरा हुआ है. इसी प्रकार अहिल्या बाईं के जीवन में भी कई चुनौतियां हैं. जिसका सामना उन्होंने किया. उन्होंने मंदिरों का जीर्णोद्धार, मंदिर निर्माण तालाब का निर्माण, पर्यावरण , महिला शिक्षा के क्षेत्र में काम किया. वे अत्यंत न्याय प्रिय थी।उन्होंने अहिल्या बाई के बहू से रानी बनने के सफर को समझाया. हमें भी सश्रद्धा समर्पण से कार्य करना है.

कार्यक्रम का सफल संचालन वनस्पति शास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ कविता शर्मा के द्वारा किया गया. कार्यक्रम का समापन डॉ वर्षा वर्मा तथा छात्राओं के द्वारा वंदे मातरम गीत से किया गया. समीक्षात्मक आभार प्रदर्शन डॉ रंजना तिवारी ने किया.

कार्यक्रम हिंदी विभाग से डॉ. मीता अग्रवाल, डॉ. भवानी प्रधान, डॉ. किरण वर्मा अंग्रेजी डॉ सुषमा तिवारी वाणिज्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया. कार्यक्रम में वरिष्ठ प्राध्यापिका श्रीमती ऊषा अग्रवाल ,डॉ प्रीति पांडे डा मीना पाठक , डॉ शीला दुबे, डॉ सुषमा तिवारी , डॉ मिनी गुप्ता , डॉ माधुरी श्रीवास्तव तथा बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थी.

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