शहीद पूर्णानंद साहू अदम्य साहस एवं वीरता के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांवजिले के ग्राम जंगलपुर निवासी सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के आरक्षक शहीद श्री पूर्णानंद साहू को मरणोपरांत उनके अदम्य साहस एवं वीरता के लिए राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया
राजनांदगांव | छत्तीसगढ़ के राजनांदगांवजिले के ग्राम जंगलपुर निवासी सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के आरक्षक शहीद श्री पूर्णानंद साहू को मरणोपरांत उनके अदम्य साहस एवं वीरता के लिए राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया। ग्राम जंगलपुर में शहीद श्री पूर्णानंद साहू को जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं ग्रामवासियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
शहीद श्री पूर्णानंद साहू के पिता श्री लक्ष्मण साहू एवं माता श्रीमती उर्मिला बाई साहू के जंगलपुर वापस आने पर इस गौरवमय क्षण में जिला प्रशासन एवं ग्रामवासियों द्वारा उनका हार्दिक अभिनंदन किया गया। अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय एवं एसडीएम श्री हितेश पिस्दा ने शहीद श्री पूर्णानंद साहू को पुष्पचक्र अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
भारत माता के जयकारे से जंगलपुर गूंज उठा। इस अवसर पर शहीद श्री पूर्णानंद साहू के चाचा श्री प्रकाश साहू, बहन सुश्री ओनिषा साहू, श्रीमती डुमेश्वरी साहू, भाई श्री निलेश साहू एवं एसडीओपी श्री अजीत ओगरे, लालबाग थाना प्रभारी श्री जितेन्द्र वर्मा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि 10 फरवरी 2020 को बीजापुर के पामेड़ थाना के ग्राम ईरापल्ली में क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान हेतु सीआरपीएफ के 204 कोबरा बटालियन के जवान निकली थी। पार्टी सर्चिंग करते आगे गढ़ रही थी कि हथियारबंद नक्सलियों द्वारा आटोमेटिक हथियार से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी गई।
सीआरपीएफ के 204 कोबरा बटालियन के आरक्षक श्री पूर्णानंद साहू ने अपनी जान की परवाह न करते हुए नक्सलियों पर फायरिंग की और नक्सलियों के फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया। गंभीर रूप से जख्मी हो जाने के बाद भी श्री पूर्णानंद साहू ने अंतिम सांस तक बड़ी जाबांजी से नक्सलियों के फायरिंग का जवाब देते रहे।
नक्सली अपने आपको कमजोर पड़ता देख कर भाग खड़े हुये। मुठभेड़ घटना में सीआरपीएफ कोबरा बटालियन 204 के आरक्षक श्री पूर्णानंद साहू सहित 2 जवान शहीद हो गये एवं 4 अधिकारी-कर्मचारी घायल हो गये। शहीद श्री पूर्णानंद साहू द्वारा वीरता का परिचय देते हुए बहादुरी पूर्वक दुश्मनों से लड़ते हुये देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।