कवर्धा में बाइक एम्बुलेंस सेवा बंद होने से वनांचल क्षेत्रों में बढ़ी परेशानी
कवर्धा में संचालित बाइक एम्बुलेंस सुविधा को प्रशासन ने एक अप्रैल 2023 से बंद कर दिया है जिससे दूरस्थ अंचल और दुर्गम क्षेत्र में रहने वाले बैगा आदिवासी गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कवर्धा। कवर्धा में संचालित बाइक एम्बुलेंस सुविधा को प्रशासन ने एक अप्रैल 2023 से बंद कर दिया है जिससे दूरस्थ अंचल और दुर्गम क्षेत्र में रहने वाले बैगा आदिवासी गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए प्रशासन बजट की व्यवस्था कर बाइक एम्बुलेंस शुरू करने की बात कह रहा है। कवर्धा पहाड़ और जंगलों से घिरा हुआ है। यहां आदिवासियों की संख्या ज्यादा है।
यहां अधिकतर बैगा आदिवासी परिवार रहते हैं। आजादी के बाद भी यहां के ग्रामीण इलाकों में सड़क का निर्माण नहीं हुआ है, ना ही सरकार की मूलभूत सुविधा यहां तक पहुंची है। लोगों को बीमार होने या गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल भी खाट पर लिटाकर ले जाया जाता था। कई बार तो लोगों की रास्तें में मौत भी हो जाती थी। बेहतर इलाज न मिल पाने के कारण गर्भवती महिलाओं की जान भी जा चुकी हैं।
इन सब परेशानियों के बीच साल 2015 में बाइक एंबुलेंस की शुरुआत हुई। बाइक एम्बुलेंस जिले के दूरस्थ अंचलों में वरदान बन कर आया। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए ये वरदान साबित हुआ है। वनांचल के लोगों की पुरानी तरकीब खाट के सहारे अस्पताल तक पहुंचने की समस्या दूर हो गई।
वनांचल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण बाइक एम्बुलेंस को देवदूत की तरह मानते हैं। जो पकड़ी मार्ग और बीहड़ जंगल और पहाड़ के रास्ते उनके गांव तक आसानी से पहुंचता है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की मांग है कि जल्द ही एम्बुलेंस सेवा शुरू की जाए। मामले में जिला कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने बजट व्यवस्था को सुचारू कर जल्द ही एम्बुलेंस शुरू करने का आश्वासन दिया है।