छत्तीसगढ़: वीर बच्चों को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

छत्तीसगढ़ के  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के राज्य अतिथि गृह पहुना में वीर बाल दिवस के अवसर पर प्रदेश के 04 वीर बालक-बालिकाओं को उनके साहसिक व वीरतापूर्ण कार्य के लिए सम्मानित किया.

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रायपुर| छत्तीसगढ़ के  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के राज्य अतिथि गृह पहुना में वीर बाल दिवस के अवसर पर प्रदेश के 04 वीर बालक-बालिकाओं को उनके साहसिक व वीरतापूर्ण कार्य के लिए सम्मानित किया.

मुख्यमंत्री श्री साय ने कोरबा के अमर ज्योति जाहिरे, महासमुंद की छाया विश्वकर्मा, धमतरी की जानवी राजपूत और धमतरी के भामेश्वरी निर्मलकर को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया.

मुख्यमंत्री ने बच्चों को सम्मानित कर उनकी हौसला अफजाई की और राज्य शासन की ओर से चारों वीर बालक-बालिका को 50-50 हजार रूपए दिए जाने की घोषणा की. गौरतलब है कि 09 जनवरी 2022 को, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के दिन, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को श्री गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों-साहिबजादों की शहादत की स्मृति में वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा.

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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने वीर बाल दिवस के अवसर पर बलिदानी 04 वीर साहिबजादों को नमन करते हुए कहा कि उनकी शहादत हमें प्रेरित करती है. वीर साहिबजादों ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति देना स्वीकार किया.  देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के अमृतकाल के दौरान इन साहिबजादों के बलिदान को चिर स्थायी बनाने के लिए वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की, हमारे लिए यह सौभाग्य की बात है.  उन्होंने सम्मानित चारों वीर बालक-बालिकाओं के साहसिक कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि जान की परवाह किए बिना इन बच्चों ने अपने परिजनों व साथियों का जीवन बचाया है.  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी द्वारा किए जा रहे सामाजिक व बौद्धिक कार्यों की सराहना की.

छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के द्वारा वीर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के हाथों चार वीर बालक-बालिकाएं सम्मानित हुए। सम्मानित वीर बच्चों में कोरबा जिले के रहने वाले 15 वर्षीय अमर ज्योति जाहिरे ने पिकनिक के दौरान जान की परवाह किए बिना अपने दोस्त को डूबने से बचाया था.  अमर के इस साहसपूर्ण कार्य के लिए उन्हें साहिबजादा अजीत सिंह वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसी तरह महासमुंद जिले की रहने वाली 15 वर्षीय छाया विश्वकर्मा ने अपनी सूझ-बुझ से पागल कुत्ते से अपनी बहन की जान बचाई थी. उन्हें साहिबजादा जुझार सिंह वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

धमतरी जिले के कुरूद की रहने वाली 13 वर्षीय जानवी राजपूत ने हिम्मत दिखाते हुए करेंट की चपेट में आए अपने 05 वर्षीय भाई की जान बचाई. उन्हें साहिबजादा जोरावर सिंह वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसी तरह धमतरी जिले की 12 वर्षीय भामेश्वरी निर्मलकर ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए तालाब में डूबने से दो बालिकाओं को बचाया. उन्हें साहिबजादा फतेह सिंह वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

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