बस्तर का सिलगेर अब भी सुलगा हुआ
सिलगेर अब भी सुलगा हुआ है| प्रदर्शन का क्रम जारी है| जवानों की फायरिंग में जिस जगह ग्रामीणों ने दम तोडा वहां उनकी याद में स्मारक बना दिया गया है| वहीं सिलगेर में जुटे आदिवासियों का समर्थन बढ़ता जा रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन से भी अब इनको समर्थन मिल रहा है। सिलगेर की न्यायिक जाँच की घोषणा के बाद विपक्षी भाजपा द्वारा भी जांच दल बनाया गया| अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर बस्तर सांसद दीपक बैज की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधियों की एक टीम बनाई गई है जो ग्रामीणों से उनका पक्ष सुनेगी और चर्चा कर तथ्य जुटाएगी।
छत्तीसगढ़ के बस्तर का सिलगेर अब भी सुलगा हुआ है| प्रदर्शन का क्रम जारी है| जवानों की फायरिंग में जिस जगह ग्रामीणों ने दम तोडा वहां उनकी याद में स्मारक बना दिया गया है| वहीं सिलगेर में जुटे आदिवासियों का समर्थन बढ़ता जा रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन से भी अब इनको समर्थन मिल रहा है।
सिलगेर की न्यायिक जाँच की घोषणा के बाद विपक्षी भाजपा द्वारा भी जांच दल बनाया गया| अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर बस्तर सांसद दीपक बैज की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधियों की एक टीम बनाई गई है जो ग्रामीणों से उनका पक्ष सुनेगी और चर्चा कर तथ्य जुटाएगी।
मान. मुख्यमंत्री @bhupeshbaghel जी ने सेलगर प्रकरण में बस्तर के सांसद दीपक बैज की अध्यक्षता में जनप्रतिधियों की एक समिति का गठन किया है।
यह समिति स्थानीय लोगों से चर्चा कर तथ्य जुटाएगी। प्रशासनिक अधिकारी समिति के साथ होंगे।
1. श्री दीपक बैज, सांसद, अध्यक्ष
2. श्री लखेश्वर बघेल— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) June 1, 2021
बस्तर सांसद दीपक बैज की अध्यक्षता में इस टीम में बस्तर विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, केशकाल विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष संतराम नेताम, दंतेवाड़ा विधायक श्रीमती देवती कर्मा, कांकेर विधायक एवं संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, अंतागढ़ विधायक अनूप नाग, बीजापुर विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम तथा नारायणपुर विधायक और छत्तीसगढ़ हस्त शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप शामिल है।
इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधि भी इस टीम में शामिल रहेंगे।
इधर कैंप का विरोध करने सिलगेर में जुटे आदिवासियों का समर्थन बढ़ता जा रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के प्रमुख नेता योगेंद्र यादव ने सोशल मीडिया के जरिए आंदोलन का समर्थन किया है।
सोशल मिडिया पर भी इसे लेकर बहस और टिप्पणियों का दौर भी जारी है|
आंदोलनकारी आदिवासियों से संवाद, उनकी समस्याओं का समाधान सरकार की ज़िम्मेदारी है। @INCIndia @RahulGandhi @bhupeshbaghel आपको पहल करनी चाहिए। https://t.co/TkEat2uuCV
— Purushottam Agrawal (@puru_ag) June 1, 2021
योगेंद्र ने लिखा, देश के सभी किसान बस्तर गोलीकांड के शिकार आदिवासी किसानों के साथ हैं। स्वतंत्र मीडिया और मानवाधिकार संगठनों को बिना रोक-टोक सिलगेर जाने दिया जाए। निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा मिले।
देश के सभी किसान बस्तर गोलीकांड के शिकार आदिवासी किसानों के साथ हैं। स्वतंत्र मीडिया और मानवाधिकार संगठनों को सलेगर बेरोकटोक जाने दिया जाय, निष्पक्ष जांच हो, दोषियों को सजा मिले। https://t.co/y3UItqQIfY
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) May 29, 2021
इससे पहले विभिन्न आदिवासी संगठनों ने भी सिलगेर के आदिवासियों के समर्थन में वर्चुअल प्रदर्शन किया। राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर हस्तक्षेप की मांग की थी।
प्रमुख विपक्षी दल भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ भी इस मामले में खुलकर खड़े हो गए हैं।
4 दिन पहले शनिवार को सिलगेर फायरिंग मामले की जांच के लिए गई टीम घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाई। जांच अधिकारी डिप्टी कलेक्टर रुपेंद्र पटेल के नेतृत्व में जांच टीम बीजापुर होते हुए तर्रेम पहुंची थी। अफसरों ने ग्रामीणों से कहा है कि वे बयान देने के इच्छुक लोग और दिन तय कर लें तो उनकी सुकमा तक आने-जाने की व्यवस्था कर दी जाएगी। ये बताकर जांच टीम सुकमा लौट गई।
इधर भाजपा नेताओं का जांच दल भी तर्रेम से ही लौट आया। जांच टीम के सदस्य पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने बताया कि तर्रेम के आगे सड़क पर पेड़ गिरे होने से रास्ता बंद था।
घटनाक्रम
11-12 मई 2021 की रात में CRPF ने कैंप के लिए सिलगेर में नाकाबंदी की। 12 मई की सुबह ग्रामीणों ने विरोध दर्ज कराया। उस दिन CRPF और DRG के जवानों ने उन्हें खदेड़ दिया। 13 मई को ग्रामीणों ने कैंप के पास ही आंदोलन शुरू किया। 14 मई को ग्रामीणों पर लाठीचार्ज हुआ। कई लोग घायल हुए।
17 मई को भी ऐसा ही विरोध प्रदर्शन चल रहा था, तभी पुलिस ने गोली चला दी। तीन लोगों की गोली लगने से मौत हो गई। भगदड़ में गिरने से एक गर्भवती महिला भी घायल हो गई। 25 मई को उसकी भी मौत हो गई। ग्रामीणों ने अब वहां मृतकों का एक स्मारक बना दिया।
क्या अनदेखी और शोषण ही आदिवासियों की नियति है। सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच एक वॉर ज़ोन बन चुके बस्तर में आखिर इनकी सुध कौन लेगा? #SaveBastar #SaveTribals pic.twitter.com/Rv4FxhQ1Jx
— Hridayesh Joshi (@hridayeshjoshi) June 1, 2021
नक्सल समर्थन भी
इधर नक्सली लगातार बैनर पोस्टर के माध्यम से सिलगेर में हुए गोलीकांड का विरोध कर रहे हैं|
कांकेर जिले के पखांजुर इलाके में प्रिन्टेट पर्चे फेके हैं | पर्चा उत्तर बस्तर डिविजनल कमेटी ने जारी कर फेंका है|
प्रिन्टेट पर्चे में नक्सलियों ने बस्तर क्षेत्र के बड़े कांग्रेसी नेताओं के कार्टून बनाकर इस्तीफे की मांग की है| कार्टून में आबकारी मंत्री कवासी लखमा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, सांसद दीपक बैज का है| पर्चे में इन सभी के इस्तीफे की मांग की गई है|
साथ ही बस्तर के सिलगेर में हुए गोली कांड में दोषी पुलिस अधिकारियों के बर्खास्त करने की मांग व महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुए 13 माओवादियों कार्यकर्ताओं के इनकाउंटर की निंदा की गई है| पुलिस ने सभी पर्चो को जब्त कर लिया है|
बता दें 24 मई को कमिश्नर बस्तर संभाग जीआर चुरेन्द्र और पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुंदराज पी सहित कलेक्टर बीजापुर रितेश कुमार अग्रवाल तथा कलेक्टर सुकमा विनीत नंदनवार एवं पुलिस अधीक्षक बीजापुर कमलोचन कश्यप ने बासागुड़ा में सिलगेर ईलाके के ग्रामीणों के 40 सदस्यीय प्रतिनिधी मंडल से भेंटकर विचार-विमर्श करने सहित क्षेत्र में शांति बनाये रखने की अपील की|
इस दौरान बीजापुर जिले के सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधी भी मौजूद थे. मौके पर सिलगेर ईलाके के ग्रामीणों के प्रतिनिधी मंडल ने अपनी मांगों से सम्बन्धित ज्ञापन कमिश्नर बस्तर चुरेन्द्र को सौंपा, जिस पर विचार कर निराकरण करने आश्वस्त किया गया|
बहरहाल, आदिवासियों का विरोध आंदोलन जारी है, सिलगेर अब भी सुलगा हुआ है। (deshdesk )