राज्यपाल ने की राज्य वीरता पुरस्कार प्राप्त बच्चों को 21-21 हजार प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके, नन्हे बहादुर बच्चों की वीरता और सूझबूझ से काफी प्रभावित हुई और उन्हें अपनी ओर से 21-21 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की।
रायपुर| राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके, नन्हे बहादुर बच्चों की वीरता और सूझबूझ से काफी प्रभावित हुई और उन्हें अपनी ओर से 21-21 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की।
सुश्री उइके से आज यहां राजभवन में राज्य वीरता पुरस्कार प्राप्त बच्चों ने मुलाकात की। इस अवसर पर राज्यपाल ने बच्चों को रजत पदक, प्रशस्ति पत्र तथा 15-15 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया। यह राशि छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा वर्ष 2020 और वर्ष 2021 के लिए वीरता पुरस्कार हेतु चयनित 5 बच्चों को दिया गया।
राज्यपाल सुश्री उइके को बच्चों ने अपनी सूझबूझ के किस्से विस्तार से सुनाए। राज्यपाल ने उन्हें इसके लिए शाबासी दी। राज्यपाल ने कहा कि बच्चों ने इतनी कम उम्र में ही अपनी सतर्कता से लोगों की जिंदगियां बचाई है, जो बहुत ही प्रेरणादायी है। राज्यपाल सुश्री उइके ने बच्चों से मन लगाकर पढ़ाई करने को कहा और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर बच्चों के अभिभावक, छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद् के उपाध्यक्ष श्री चंद्रेश शाह और महासचिव डॉ. अशोक त्रिपाठी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद् द्वारा प्रतिवर्ष साहसिक कार्य करने वाले राज्य के बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। वर्ष 2020 के लिए परिषद् द्वारा उन्नति शर्मा, जान्हवी राजपूत, दुर्गेश सोनकर तथा वर्ष 2021 के लिए अमन ज्योति जाहिरे व शौर्य प्रताप चंद्राकर को वीरता पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है।
वर्ष 2020 में वीरता पुरस्कार के लिये चयनित रायपुर के टिकरापारा की रहने वाली 12 वर्षीय उन्नति शर्मा के मामा के घर में आग लग गई थी। आग लगने के दौरान उसका छोटा भाई घर पर था, उन्नति ने समझदारी दिखाते हुए घर में विद्युत आपूर्ति बंद कर दी और अपने भाई को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
वर्ष 2020 में ही चयनित धमतरी की रहने वाली 13 वर्षीय जान्हवी राजपूत ने करंट की चपेट में आए अपने छोटे भाई की न केवल जान बचाई बल्कि उसे छत से गिरने से भी रोक लिया।
इसी प्रकार वर्ष 2020 में चयनित दुर्ग के 11 वर्षीय दुर्गेश सोनकर ने साहस का परिचय देते हुए हमलावरों से अपने तीन छोटे भाई-बहनों की जान बचाई। साथ ही निडरता के साथ पुलिस का सहयोग कर अपने परिजनों के हमलावरों को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वर्ष 2021 में वीरता पुरस्कार के लिए चयनित कोरबा के 15 वर्षीय अमन ज्योति जाहिरे ने अपनी जान खतरे में डालकर जलप्रपात में बह रहे अपने मित्र की जान बचाई।
इसी तरह 2021 में चयनित धमतरी के रहने वाले 13 वर्षीय शौर्य ने खेत में बिजली के तार गिरने की संभावना को देखते हुए वहां काम कर रहे लोगों को सचेत किया और तत्काल विद्युत विभाग में सूचना देकर विद्युत आपूर्ति बंद करवाई। शौर्य के इस कदम से खेत में काम कर रहे 10 लोगों की जान बच सकी।