कामासक्त व्यक्ति व विवेक हीन व्यक्ति में कोई अंतर नहीं होता। अतः काम के इस विभत्स स्वरूप के प्रचण्ड वेग को प्रबल संयम, नियम व आचरण द्वारा पराजित करो। मेरा अर्थ यह नहीं है कि मैथुन या… Read More...
सामान्य सा प्रतीत होने वाला यह शब्द 'काम' गुढ़ार्थ के परिपेक्ष्य में व्यापक और विशाल है। इसके स्वरुप को लेकर सामान्य ही नहीं विद्वतजन भी भ्रम की स्थिति में पाये जाते है। क्योंकि सामान्य… Read More...