मैं इंतजार कर रही हूं कि तालिबान मेरे जैसे लोगों के लिए आए और मुझे मार डाले- जरीफा गफरी
अपनी का खतरा बताकर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति ,कई नेता जहाँ देश छोड़कर चले गये वहीँ अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर 27 साल की जरीफा गफरी का कहना है 'मैं इंतजार कर रही हूं कि तालिबान मेरे जैसे लोगों के लिए आए और मुझे मार डाले|
काबुल | अपनी का खतरा बताकर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति ,कई नेता जहाँ देश छोड़कर चले गये वहीँ अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर 27 साल की जरीफा गफरी का कहना है ‘मैं इंतजार कर रही हूं कि तालिबान मेरे जैसे लोगों के लिए आए और मुझे मार डाले|
जरीफा गफरी के पिता जनरल अब्दुल वसी गफ़री की पिछले साल 15 नवंबर को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी|
अंगरेजी आई न्यूज़ पेपर @theipaper के मुताबिक उसने अपने काबुल अपार्टमेंट से कहा, “मैं यहाँ बैठी हूँ उनके आने का इंतज़ार कर रही हूँ। मेरी या मेरे परिवार की मदद करने वाला कोई नहीं है। मैं बस उनके और अपने पति के साथ बैठी हूं। और वे मेरे जैसे लोगों के लिए आएंगे और मुझे मार डालेंगे। मैं अपने परिवार को नहीं छोड़ सकती । और वैसे भी, मैं कहाँ जाऊँगी ?”
Yesterday Zarifa Ghafari told @michael2day:
“I’m sitting here waiting for them to come. There is no one to help me or my family. I’m just sitting with them and my husband. And they will come for people like me and kill me. I can’t leave my family. And anyway, where would I go?” pic.twitter.com/X2UC9wDGNE
— i newspaper (@theipaper) August 16, 2021
उधर तालिबान ने मंगलवार को पूरे अफगानिस्तान में ‘आम माफी’ की घोषणा की और महिलाओं से उसकी सरकार में शामिल होने का आह्वान किया।
तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समनगनी ने कहा, ‘‘इस्लामी अमीरात (तालिबान द्वारा घोषित अफगानिस्तान का नाम) नहीं चाहता कि महिलाएं पीड़ित हों। उन्हें शरिया कानून के तहत सरकारी ढांचे में शामिल होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा,‘‘ सरकार का ढांचा अबतक स्पष्ट नहीं है लेकिन अनुभवों के आधार पर, कह सकता हूं कि यह पूर्णत: इस्लामिक नेतृत्व वाला होगा और सभी पक्ष इसमें शामिल होंगे।’’
बता दें तालिबान इस्लामिक कानूनों की कट्टर व्याख्या के तहत शासन करता करता है जिसमें महिलाएं घरों तक सीमित कर दी जाती हैं। तालिबान ने हाल के वर्षों में अधिक लचीला रुख दिखाया है लेकिन अफगान लोग इसको लेकर आशंकित हैं।(deshdesk)