देखें वीडियो: दुश्मन पर उबलते गर्म एसिड की तीखी धार
कई छोटे कीड़े-मकोड़े अपनी जान बचाने या फिर शिकार के लिए अपने शरीर में छिपाए जहर उगलते हैं | छोटा सा ही सही बॉम्बार्डियर बीट्लस अपने शिकार पर जिस तरह हमला करता है अद्भुत है| दरअसल बॉम्बार्डियर बीट्लस का नाम इसके शरीर से निकलने वाले रसायन की वजह से रखा गया है | दुनिया भर में इसकी 400 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं और इसकी कई प्रजातियां भारत में भी पाई जाती हैं| यहाँ कई जगह गबरेला भी कहा जाता है|
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कई छोटे कीड़े-मकोड़े अपनी जान बचाने या फिर शिकार के लिए अपने शरीर में छिपाए जहर उगलते हैं | छोटा सा ही सही बॉम्बार्डियर बीट्लस अपने शिकार पर जिस तरह हमला करता है अद्भुत है| दरअसल बॉम्बार्डियर बीट्लस का नाम इसके शरीर से निकलने वाले रसायन की वजह से रखा गया है | दुनिया भर में इसकी 400 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं और इसकी कई प्रजातियां भारत में भी पाई जाती हैं| यहाँ कई जगह गबरेला भी कहा जाता है|
बॉम्बार्डियर बीट्लस अपने दुश्मन पर उबलते गर्म एसिड की तीखी धार छोड़ता है | यह उबलता गर्म एसिड वह अपने पेट के पिछले हिस्से में संग्रहीत दो रसायनों को मिलाकर बनाता है। इसके प्रभाव से तेज जलन का अनुभव होता है त्वचा जल जाती है|
When threatened bombardier beetles shoot their foe with a jet of boiling hot acid, created by mixing two chemicals stored in the back of their abdomen. pic.twitter.com/uG1oJpnxJs
— Wonder of Science (@wonderofscience) August 1, 2021
विकिपीडिआ के मुताबिक यह जमीन पर रेंगने वाला 6 पैरों वाला एक कीड़ा होता है जो अपने पेट में मौजूद दो ग्रंथियों में अलग-अलग रसायनों के मिश्रण को संरक्षित करके रखता है दो रासायनिक यौगिकों, हाइड्रोक्विनोन और हाइड्रोजन पेरोक्साइड के बीच एक प्रतिक्रिया से उत्पन्न होता है |
बॉम्बार्डियर बीटल के पेट में दो अलग-अलग ग्रंथियों में संग्रहित होता है जब हाइड्रोक्विनोन और हाइड्रोजन पेरोक्साइड का जलीय घोल वेस्टिब्यूल तक पहुंच जाता है, तो उत्प्रेरक हाइड्रोजन पेरोक्साइड के मिश्रण से अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है |
यह ऊष्मा मिश्रण को पानी के क्वथनांक के समीप ले जाती है और गैस निकालती है अपने आप को बचाने के लिए यह अपने दुश्मन पर इन रसायनों के मिश्रण से हमला कर देता है |