आखिर कैसे दिखते रहे होंगे डायनासोर
आखिर डायनासोर कैसे दिखते रहे होंगे और कैसा रहा होगा वह दौर। इस तरह डायनासोर को लेकर हमारे मन में अक्सर सवाल आते रहते हैं। इस विशालकाय जीव को लेकर वैज्ञानिक रिसर्च करने में जुटे हुए हैं।
नई दिल्ली । आखिर डायनासोर कैसे दिखते रहे होंगे और कैसा रहा होगा वह दौर। इस तरह डायनासोर को लेकर हमारे मन में अक्सर सवाल आते रहते हैं। इस विशालकाय जीव को लेकर वैज्ञानिक रिसर्च करने में जुटे हुए हैं।
कई बार रिपोर्ट में यह सामने आया है कि लगभग 66 मिलियन वर्ष पहले क्षुद्रग्रह यानी एस्टेरॉयड के प्रभाव के कारण डायनासोर धरती से खत्म हो गए थे। अब डायनासोर को लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है।
इसमे कहा गया है कि एस्टेरॉयड के ग्रह पर आने से पहले ही डायनासोर की आबादी में कमी आना शुरू हो गई थी।
अल्बर्टा विश्विद्यालय, ब्रिस्टल विश्वविद्यालय, इंस्टीट्यूट ऑफ इवोल्यूशनरी साइंस ऑफ मोंटपेलियर के चार वैज्ञानिकों ने डायनासोर और उनकी प्रकृति पर अध्ययन के बाद यह तथ्य सामने रखा।
शोधकर्ताओं ने इन जीवों के बारे में जानने के लिए उनके छह परिवारों पर ध्यान केंद्रित किया।इसमें यह सामने आया कि तीन डायनासोर टायरानोसॉरिडे, द ड्रोमायोसॉरिडे, और ट्रूडोंटिडे मांसाहारी थे।
वहीं अन्य तीन डायनासोर सेराटोप्सिडे, हैड्रोसॉरिडे और एंकिलोसॉरिडे शाकाहारी थे।मोंटपेलियर विश्वविद्यालय के फैबियन कोंडामाइन ने बताया कि एस्ट्रायड के आने से इन छह प्रकार की जातियों अधिक मात्रा में थीं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि डायनासोर की करीब 250 प्रजातियां थी। वैज्ञानिकों ने अपने शोध में यह भी मालूम करने की कोशिश की कि समय के बदलने के साथ साथ उनकी प्रजातीय संख्या में क्या अंतर आया।
रिसर्च मे यह सामने आया कि डायनासोर की प्रजातियां 160 से 66 मिलियन वर्ष पहले ही गायब हो गई थीं।
शोध में यह सामने आया कि एस्टेरॉयड के प्रभाव से 10 मिलियन वर्ष पहले ही प्रजातियों की संख्या में गिरावट आ गई थी और यह तब तक जारी रही जब तक पृथ्वी से डायनासोर का पूरी तरह से सफाया नहीं हो गया।
शोधकर्ताओं ने इन छह परिवारों पर पांच साल तक जानकारियों एकत्रित की ताकि यह मालूम किया जा सके कि वे कब तक प्रथ्वी पर थे और इन इनके समूह में कौन कौन सी दूसरी प्रजातियां थी।