चित्रकार-कवि कुँवर रवीन्द्र के सम्मान में श्रृंखला की कवि गोष्ठी
श्रृंखला साहित्य मंच पिथौरा की स्थानीय विश्राम गृह में देश के सुपरिचित चित्रकार और कवि कुँवर रवीन्द्र के सम्मान में कवि गोष्ठी संपन्न हुई। कुँवर रवीन्द्र ने श्रृंखला के युवा रचनाकारों को कविता के बिम्ब विधान और बारीकियों पर अनेक सुझाव भी दिए।
पिथौरा| श्रृंखला साहित्य मंच पिथौरा की स्थानीय विश्राम गृह में देश के सुपरिचित चित्रकार और कवि कुँवर रवीन्द्र के सम्मान में कवि गोष्ठी संपन्न हुई। कुँवर रवीन्द्र ने श्रृंखला के युवा रचनाकारों को कविता के बिम्ब विधान और बारीकियों पर अनेक सुझाव भी दिए।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के अवर सचिव रह चुके कुँवर रवीन्द्र का छात्र जीवन पिथौरा में बीता था। देश के तमाम श्रेष्ठ पत्र-पत्रिकाओं में कुँवर रवीन्द्र के चित्र प्रकाशित होते हैं एवं देश विदेश के हजारों प्रतिष्ठित पुस्तकों के आवरण चित्र कुँवर रवीन्द्र के होते हैं।
कुँवर रवीन्द्र के मुख्य आतिथ्य में इस गोष्ठी की अध्यक्षता उनके बचपन के मित्र साहित्यकार स्वराज करुण ने की।
गोष्ठी में कुँवर रवीन्द्र ने पिथौरा में अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए अपने शिक्षकों और मित्रों को याद किया तथा अनेक पुराने रोचक संस्मरण सुनाए। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन से ही कला और साहित्य के प्रति उनकी विशेष रूचि थी।
कुँवर रवीन्द्र ने बताया कि कौड़िया स्टेट पिथौरा के जमींदार ठाकुर प्रताप सिंह जो कि जेजे आर्ट्स कॉलेज मुंबई के छात्र एवं प्रोफ़ेसर रहे थे, वही उनके प्रथम कला गुरु थे। प्रताप सिंह जी से उन्हें चित्रकला की बारीकियों का ज्ञान प्राप्त हुआ।
कुँवर रवीन्द्र ने श्रृंखला के युवा रचनाकारों को कविता के बिम्ब विधान और बारीकियों पर अनेक सुझाव भी दिए। उन्होंने अपनी कुछ कविताएँ भी सुनाई। .
गोष्ठी में उपस्थित श्रृंखला के रचनाकारों ने भी अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की। युवा रचनाकार निर्वेश दीक्षित,कवियत्री जीतेश्वरी साहू कवियत्री गुरप्रीत कौर ,वरिष्ठ रचनाकार शशि कुमार डडसेना ने देशभक्ति पूर्ण कविता सुनाई |
कवि शिवा महन्ती ने श्रेष्ठ रचनाएँ प्रस्तुत की, अध्यक्ष की आसन्दी से कवि स्वराज्य ‘करुण’ ने अनेक प्रभावशाली रचनाएँ सुनाई ।
गोष्ठी का संचालन कर रहे सुपरिचित कवि प्रवीण ‘प्रवाह’ ने अपनी एक ग़ज़ल सुनाई। आभार प्रदर्शन श्रृंखला के वक्ता उमेश दीक्षित ने किया।
कार्यक्रम की समाप्ति पर पिथौरा के पूर्व विद्वान शिक्षक और प्राचार्य श्री चंद्रिका प्रसाद त्रिपाठी जो ‘गुरु बब्बा’ के संबोधन से प्रसिद्ध थे, उनके निधन पर श्रृंखला के सदस्यों द्वारा 2 मिनट का मौन रखकर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई।