झारखंड में 2020 की मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा में फेल होने वालों को मिली राहत, 9वीं-11वीं के आधार पर मिलेंगे नंबर
झारखंड में 2020 की मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा देने वाले वैसे छात्र-छात्रा जो पास नहीं हो सके थे और 2021 में वे फिर से परीक्षा देने वाले थे, उनका रिजल्ट भी उनके नौंवी-11वीं क्लास के आधार पर...
रांजी| झारखंड में 2020 की मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा देने वाले वैसे छात्र-छात्रा जो पास नहीं हो सके थे और 2021 में वे फिर से परीक्षा देने वाले थे, उनका रिजल्ट भी उनके नौंवी-11वीं क्लास के आधार पर तय किया जाएगा। पिछले साल 10वीं और 12वीं की परीक्षा में असफल होने का प्रभाव उनके रिजल्ट पर नहीं पड़ेगा।
वहीं, वैसे छात्र-छात्रा जो री-रजिस्ट्रेशन कराने के बाद इस साल परीक्षा में शामिल होने वाले थे, उनका झारखंड एकेडमिक काउंसिल पिछले तीन सालों के आकलन के आधार पर परिणाम निकालेगा। हाई स्कूल, प्लस टू स्कूल और कॉलेजों में मैट्रिक और इंटरमीडिएट के पूर्ववर्ती अनुत्तीर्ण छात्र की प्रैक्टिकल परीक्षा होगी।
साथ ही, उनका आंतरिक मूल्यांकन भी उनके पहले की क्लास के आधार पर किया जाएगा। ऐसे छात्र-छात्रा जब नौंवी क्लास में थे, तो उनका प्रदर्शन कैसा था और दसवीं में गए तो कैसा रहा, इस आधार पर आंतरिक मूल्यांकन के अंक दिए जाएंगे। उनकी सिर्फ प्रैक्टिकल परीक्षा होगी।
वैसे छात्र-छात्रा जिनका रजिस्ट्रेशन रद्द हो गया था और उन्हें फिर से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ा, उनका थ्योरी, प्रैक्टिकल और इंटरनल एसेसमेंट का रिजल्ट जैक तय करेगा। इसमें जैक के पास पूर्व के उपलब्ध रिजल्ट और आंकड़ों के आधार पर उनके अंक तय किए जाएंगे। जो छात्र-छात्रा इसमें असफल होंगे, उन्हें कंपार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा।
वहीं, जैक की ओर से रिजल्ट तय करने को लेकर गाइडलाइन जारी करने के बाद सोमवार को कई जिलों में वर्चुअल बैठक हुई। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने हाई और प्लस टू स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया कि दो दिनों में आंतरिक मूल्यांकन समिति का गठन कर लें।
इसमें स्कूल के प्रधानाध्यापक और एक वरीय शिक्षक रहेंगे। साथ में नजदीक के स्कूल से एक शिक्षक को नामित किया जाना है। इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी ने हाई और प्लस टू स्कूल से नजदीक के स्कूल का नाम मांगा है, ताकि वहां के एक शिक्षक को इस कार्य के लिए लगा सकें। साथ ही डीईओ अपने स्तर से किसी शिक्षक या पदाधिकारी को प्रेक्षक की भूमिका में भी लगा सकते हैं। हालांकि, सोमवार तक राज्य सरकार की ओर से जैक की गाइडलाइन को मंजूरी नहीं मिल सकी थी।