आसमान में दुर्लभ नजारा: इस हफ्ते दिखेगा सात ग्रहों का अद्भुत संयोग

सात ग्रहों का इस प्रकार संरेखित होना बेहद असामान्य है और सदियों में कुछ ही बार देखने को मिलता है. अगली बार ऐसा संयोग 2036 और फिर 2060 में होगा. इसलिए, यह एक दुर्लभ अवसर है, जिसे कोई भी खगोलीय उत्साही मिस नहीं करना चाहेगा.

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इस सप्ताह दुनिया भर के खगोल प्रेमियों के लिए एक अनोखा अवसर है. 23 से 28 फरवरी 2025 के बीच, आकाश में सातों ग्रह एक सीधी रेखा में दिखाई देंगे, जो एक दुर्लभ खगोलीय घटना मानी जाती है.

सातों ग्रहों की विशेष संरेखण
इस अद्भुत संयोग में बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून शामिल होंगे. ये सभी ग्रह सूर्य के सापेक्ष एक ही दिशा में संरेखित होंगे, जिसे खगोल विज्ञान में ‘एक्लिप्टिक’ या सूर्य पथ कहा जाता है.

क्यों है यह घटना खास?
सात ग्रहों का इस प्रकार संरेखित होना बेहद असामान्य है और सदियों में कुछ ही बार देखने को मिलता है. अगली बार ऐसा संयोग 2036 और फिर 2060 में होगा. इसलिए, यह एक दुर्लभ अवसर है, जिसे कोई भी खगोलीय उत्साही मिस नहीं करना चाहेगा.

कहां और कैसे देखें?
बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि को नंगी आंखों से देखा जा सकता है, जबकि यूरेनस और नेपच्यून को देखने के लिए दूरबीन या टेलीस्कोप की आवश्यकता होगी. इस खगोलीय नजारे को बेहतर तरीके से देखने के लिए खुली जगह और कम रोशनी वाले क्षेत्र का चयन करना उचित रहेगा. सूर्यास्त के तुरंत बाद का समय इसे देखने के लिए सबसे अनुकूल होगा, क्योंकि उस समय आकाश पर्याप्त रूप से रोशन रहेगा, जिससे ग्रहों की चमक स्पष्ट रूप से दिखाई देगी.

खगोलविदों के लिए सुनहरा मौका
यह घटना न केवल खगोलीय रोमांच प्रदान करती है, बल्कि पेशेवर और शौकिया खगोलविदों को सौरमंडल की जटिलता को समझने का अवसर भी देती है. इस संयोग से ग्रहों की कक्षाओं और पृथ्वी से उनकी सापेक्ष स्थिति का अवलोकन करने का सुनहरा मौका मिलेगा.

जो भी व्यक्ति इस दुर्लभ संयोग को देखना चाहता है, उसे मौसम और आकाशीय स्थिति पर नजर रखनी चाहिए, ताकि इस अद्भुत खगोलीय नजारे का पूरा आनंद लिया जा सके.

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