कोडिंग और डेटा साइंस नए सत्र से सीबीएसई पाठ्यक्रम में शामिल 

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नई दिल्ली|  राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों का पालन करते हुए सीबीएसई ने स्कूलों में कोडिंग और डेटा साइंस को कौशल विषयों के रूप में शामिल किया है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इसकी  जानकारी  साझा करते  कहा    , “एनईपी 2020 के तहत हमने स्कूलों में कोडिंग और डेटा साइंस को पेश करने का वादा किया था। आज सीबीएसई को 2021 के सत्र में ही इस वादे को पूरा करते हुए देखकर मुझे खुशी हो रही है। माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से सीबीएसई भारत की भावी पीढ़ियों को नए जमाने के कौशल के साथ सशक्त बना रहा है।”

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सीबीएसई ने अपने संबद्ध संस्थानों के सभी प्रमुखों को मौजूदा सत्र से कौशल मॉड्यूल या कौशल विषय के रूप में कोडिंग और डेटा साइंस की शुरूआत के बारे में बताया है।

सीबीएसई ने लिखा है कि कोडिंग एक रचनात्मक गतिविधि है, जिसमें किसी भी विषय के विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं । यह विभिन्न क्षेत्रों में मुद्दों को हल करने के लिए कम्प्यूटेशनल सोच, समस्या समाधान कौशल विकसित करने, महत्वपूर्ण सोच और वास्तविक जीवन स्थितियों के संपर्क में आने में मदद करता है। इसलिए, कोडिंग को कक्षा 6 से 8 में 12 घंटे की अवधि के कौशल मॉड्यूल के रूप में पेश किया जा रहा है। इसके पीछे का मकसद डिजाइन थिंकिंग, विचारों के तर्कपूर्ण  प्रवाह और इसे सभी विषयों में लागू करके कोडिंग को सीखने के अनुभव को सरल बनाना है।

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