छत्तीसगढ़ : covid से स्कूली शिक्षा में नुकसान की भरपाई के लिए शिक्षकों का कदम सराहनीय
covid से स्कूली शिक्षा में नुकसान की भरपाई के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने रविवार को भी छात्रों की जरूरत पर स्कूल खोलने तथा गर्मी की छुट्टी में कुछ कटौती करके 15 मई तक कक्षाएं संचालित करने का फैसला लिया है| इस फैसले को छत्तीसगढ़ में शिक्षा के अच्छे स्तर को हासिल करने की ओर एक बेहतर कदम के रूप में माना जा सकता है।
रायपुर| covid से स्कूली शिक्षा में नुकसान की भरपाई के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने रविवार को भी छात्रों की जरूरत पर स्कूल खोलने तथा गर्मी की छुट्टी में कुछ कटौती करके 15 मई तक कक्षाएं संचालित करने का फैसला लिया है| इस फैसले को छत्तीसगढ़ में शिक्षा के अच्छे स्तर को हासिल करने की ओर एक बेहतर कदम के रूप में माना जा सकता है।
पिछले दो वर्षों से Covid-19 के दुष्प्रभाव से कोई भी अछूता नहीं रहा है| कोविड ने बाकी क्षेत्रों के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान पहुचाया है| एक तरफ सारी दुनिया में विगत दो वर्षों में हुए शिक्षा के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। कई रिसर्च में माना गया है कि सीखने की प्रक्रिया में व्यवधान होने के कारण बहुत से विद्यार्थियों को स्कूल से दूरी बनानी पड़ी है।
महंगी इंटरनेट सेवाएं और महंगे स्मार्टफोन के कारण बहुत से बच्चे निरंतर क्लास अटेंड करने में असफल रहे ऐसे में 30 से 60 प्रतिशत छात्रों का स्तर कोरोना पूर्व स्तर से भी 20% नीचे चला गया जिसे फिर से हासिल करना शिक्षा विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है।
बच्चों के सीखने के क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने शिक्षकों के साथ मिलकर कई सकारात्मक प्रयासों में सफलता हासिल की हैं| छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिल कर शिक्षा के क्षेत्र में इस हानि से निबटने के प्रयासों में राज्य के शिक्षकों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है|
कोरोना काल में स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों के सीखने सिखाने की प्रक्रिया में जिस तरह से गिरावट आई है,उसकी भरपाई के लिए सरकार की ओर से कई प्रयास किये गए जिनमें पढ़ई तुंहर द्वार,मोहल्ला क्लास,हर घर स्कूल आदि शामिल है|इन कार्यक्रमों के दौरान कई शिक्षक साथियों, माताओं, स्वैक्षिक कार्यकर्ताओं नें बेहतरीन काम किया और शिक्षकों के नेतृत्व में घर-घर बच्चों की हर संभव मदद की हैं|
अब छत्तीसगढ़ सरकार ने रविवार को भी छात्रों की जरूरत पर स्कूल खोलने तथा गर्मी की छुट्टी में कुछ कटौती करके 15 मई तक कक्षाएं संचालित करने का फैसला छात्र छात्राओं के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए कुछ शिक्षक संगठनों की सहमति हासिल करते हुए लिया है। इसके लिए शिक्षक संगठन भी बधाई के पात्र हैं|
उम्मीद की जा रही है कि 100 दिनों की विशेष कक्षाएं शिक्षकों के लिये, अतिरिक्त अध्ययन की इन व्यवस्थाओं से प्रदेश में शिक्षा के स्तर को गिरावट से बचा कर स्तरीय बनाने में मदद मिलेगी। आत्मानंद स्मृति आंग्ल माध्यम के स्कूलों की सफलता के बाद हर जिले में हिंदी माध्यम के भी उत्कृष्ट स्कूलों को खोलने की योजना को भी सरकारी क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर समझने और करने की दिशा में अच्छा कदम माना जा रहा है।
विगत 2 वर्षों में शिक्षा की गुणवत्ता में कमी और सीखने की प्रक्रिया में व्यवधान के कारण हुई हानि का जिक्र असर की रिपोर्ट में भी देखने को मिलता हैं|राज्य सरकार के इस तरह के खामोशी से लिये जा रहे बेहतरीन निर्णयों से कम से कम छत्तीसगढ़ में शिक्षा के अच्छे स्तर को हासिल करने की ओर एक बेहतर कदम के रूप में माना जा सकता है।