नानक सागर में शरद पूर्णिमा पर कीर्तन
महासमुंद जिले के ऐतिहासिक तीर्थ स्थल नानक सागर में शरद पूर्णिमा के दिन अमृतसर से आये रागी जत्थे भाई हरमनजीत सिंह द्वारा कीर्तन किया.
पिथौरा| महासमुंद जिले के ऐतिहासिक तीर्थ स्थल नानक सागर में शरद पूर्णिमा के दिन अमृतसर से आये रागी जत्थे भाई हरमनजीत सिंह द्वारा कीर्तन किया. कीर्तन के पूर्व श्रीअखण्ड पाठ साहिब की समाप्ति का कार्यक्रम किया गया.
सिक्खों के प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव जी के नानक सागर में दो दिन रुकने के प्रमाण मिलने के बाद से ही वहां सिक्खों सहित सभी धर्म के श्रद्धालुओं का आना जारी है. अब नानक सागर में सिक्ख समाज द्वारा प्रत्येक पूर्णिमा को श्री अखंड पाठ करवा कर लंगर रखा जाता है. इसी दिन देश के विभिन्न स्थलों से आये रागी जत्थों द्वारा कीर्तन का कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है. इस कार्यक्रम में सिक्खों के अलावा बंजारा एवम रविदासिया भी भारी संख्या में पहुचने लगे हैं.
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अमृतसर के जत्थे ने किया कीर्तन
नानक सागर में दो दिन पूर्व रखे गए श्री अखंड पाठ की समाप्ति शरद पूर्णिमा के दिन सुबह हुई इसके बाद अमृतसर से आये रागी स हरमनजीत सिंह के जत्थे ने कीर्तन किया. कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में स्थानीय एवम बाहर से आये श्रद्धालु शामिल हुए. इसके अलावा सराईपाली से पहुची सुरजीत कौर ने भी कीर्तन प्रस्तुत किया. गढ़फुलझर गुरुद्वारा के ग्रन्थि भाई मुकेश सिंह ने अरदास की.