रोग प्रतिरोधी शक्ति बढ़ानें बच्चों को दें ये आहार
कोरोना महामारी के इस दौर में अगर आप अपने बच्चे को सेहतमंद रखने के साथ ही उसकी रोग प्रतिरोधी शक्ति बढ़ाना चाहते हैं तो उसे बचपन से ही पौष्टिक चीजें खाने की आदत डालें।
कोरोना महामारी के इस दौर में अगर आप अपने बच्चे को सेहतमंद रखने के साथ ही उसकी रोग प्रतिरोधी शक्ति बढ़ाना चाहते हैं तो उसे बचपन से ही पौष्टिक चीजें खाने की आदत डालें।
बच्चों की अच्छी सेहत के लिए उनके खाने में पौष्टिक चीजें शामिल करने से उनका शारीरिक व मानसिक विकास भी बेहतर तरीके से होता है।
ऐसे में अक्सर अभिभावक इस बात से परेशान रहते हैं कि आखिर बच्चों को किस प्रकार का आहार देना चाहिये। अगर आप भी इसी समस्या से परेशान है तो यह जानकारी आप के लिए लाभदायक साबित हो सकती है।
कुछ आहार ऐसे हैं जिनसे बीमारियों से बचाव के साथ ही रोग प्रतिरोधक शक्ति भी बढ़ती है।
शकरकंद
इसका सेवन करने से रोग प्रतिरोधी शक्ति बढ़ने के साथ बीमारियों से भी बचाव रहता है। फाइबर की मात्रा अधिक होने से इसका सेवन करने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है। ऐसे में आप चाहे तो इसे बच्चे को 6 महीने का होने के बाद खिला सकते हैं। यह बच्चे के लिए बेस्ट आहार माना जाता है।
दलिया
बच्चों के बेहतर विकास के दलिया एक संपूर्ण आहार माना जाता है। फाइबर, आयरन और अन्य जरूरी तत्वों से भरपूर दलिया का सेवन करने से बच्चे को सही वजन मिलता है। आप इसे नमकीन, दूध वाला या पेनकेक की तरह बना कर बच्चे को खिला सकते हैं।
गाय का दूध
एक साल से छोटे बच्चे के लिए मां का दूध ही संपूर्ण आहार होता है। मगर आपका बच्चा एक साल से बड़ा है तो उसे रोजाना 3 बार गाय का दूध पिलाएं। इससे उसे सभी उचित तत्व मिलने के साथ बीमारियों से बचाव रहेगा।
केला
विटामिन, कैल्शियम, फाइबर, पोटेशियम आदि से भरपूर केले का सेवन करने से अंदर से मजबूती मिलती है। साथ ही इसमें फाइबर अधिक होने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती है। ऐसे में वजन भी कंट्रोल में रहता है। अगर बच्चा केला खाने से मना करें तो आप उसे इससे मफीन, पैन केक या बनाना शेक बना कर दे सकते हैं।
पौष्टिक गुणों से भरपूर आड़ू का सेवन करने से बच्चे का विकास बेहतर तरीके से होता है। इसके सेवन से मांसपेशियों व हड्डियों में मजबूती आती है। आप इससे शेक, फ्रूट चाट, स्मूदी के तौर पर बच्चे को दें सकते हैं।
नाशपाती
नाशपाती में विटामिन, फाइबर, आयरन, एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं। आयरन अधिक मात्रा में होने से यह शरीर में खून की कमी पूरा करने में मदद करता है। साथ ही मांसपेशियों व हड्डियों में मजबूती आती है।
घी
घी का सेवन करना मां और बच्चा दोनों के लिए फायदेमंद होता है। इससे रोग प्रतिरोधी शक्ति बढ़ने से बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती है। मगर बच्चे को इसे हजम करने में मुश्किल न आए ऐसे में उसे कम मात्रा में ही खिलाएं।
मटर
इसमें विटामिन, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस आदि अधिक मात्रा में होते हैं। आप बच्चों को मटर का सूप, खिचड़ी या सब्जी के रूप में खिला सकते हैं। इससे बच्चे का शारीरिक व मानसिक विकास होने में मदद मिलती है।
चीज़
आप अपने 8 महीने के बच्चे को चीज खिला सकते हैं। इसमें फास्फोरस, कैल्शियम अधिक होने से बच्चे की ग्रोथ बेहतर तरीके से होती है। आप इसे सीधा या सलाद में मिलाकर खिला सकती है।
सूखे मेवे
बच्चे की ग्रोथ के लिए उसकी डाइट में सूखे मेवे शामिल करना बेस्ट ऑप्शन है। आप इसे रातभर भिगो कर या पाउडर बनाकर बच्चे के दूध में मिलाकर पिला सकते हैं। इसके अलावा इसके लड्डू या बर्फी में मिलाकर भी इसे खिलाया जा सकता है। मगर हैवी होने के चलते इसे बच्चे को हफ्ते में 2 बार ही खिलाएं।
हैल्दी ड्रिंक्स
आप घर ही साबुत अनाज, दालों को मिक्सी में पीसकर मल्टीग्रेन पाउडर तैयार कर सकते हैं। इस पाउडर को दूध में मिलाकर पीने से बच्चे को सभी जरूरी तत्व आसानी से मिल जाएंगे।
आलू
6 महीने बाद बच्चों को आलू उबाल कर खिलाना फायदेमंद होता है। इससे बच्चे की ग्रोथ अच्छे से होने के साथ बीमारियों से बचाव रहता है। आप आलू को खिचड़ी, सूप, उबालकर आदि तरह बच्चे की डाइट में शामिल कर सकते हैं।