नई दिल्ली: आजकल जिम जाने वाले युवाओं में सप्लीमेंट्स का चलन तेजी से बढ़ रहा है. प्रोटीन पाउडर, क्रिएटिन, और बीसीएए जैसे सप्लीमेंट्स न केवल मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करते हैं, बल्कि फिटनेस लक्ष्यों को हासिल करने में भी सहायक हैं. लेकिन क्या ये सप्लीमेंट्स वाकई स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह फायदेमंद हैं? आइए जानते हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार, संतुलित आहार के साथ सप्लीमेंट्स लेने से मांसपेशियों की रिकवरी तेज होती है और व्यायाम के दौरान ऊर्जा बढ़ती है. प्रोटीन पाउडर मांसपेशियों के निर्माण और ऊतकों की मरम्मत में मदद करता है, जबकि क्रिएटिन ताकत और सहनशक्ति को बढ़ाता है. बीसीएए (ब्रांच्ड-चेन अमीनो एसिड) मांसपेशियों की थकान को कम करने में प्रभावी है.
हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि अधिक मात्रा में या बिना विशेषज्ञ सलाह के सप्लीमेंट्स लेना नुकसानदायक हो सकता है. इससे किडनी, लिवर पर दबाव पड़ सकता है या पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. डॉ. अनिल मेहता, न्यूट्रिशनिस्ट, कहते हैं, “सप्लीमेंट्स तभी फायदेमंद हैं जब इन्हें संतुलित आहार और व्यायाम के साथ लिया जाए. बिना जरूरत के इनका उपयोग करने से बचें.”
जिम जाने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपने आहार में प्राकृतिक प्रोटीन स्रोत जैसे दाल, चिकन, अंडे, और दूध को शामिल करें और सप्लीमेंट्स को केवल पूरक के रूप में इस्तेमाल करें. उचित मार्गदर्शन और संयम के साथ, सप्लीमेंट्स स्वस्थ और फिट जीवनशैली में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं.