रोहित शर्मा पर टिप्पणी को लेकर कांग्रेस-टीएमसी पर भड़के केंद्रीय खेल मंत्री
बीसीसीआई सचिव देवजीत साइकिया ने इन टिप्पणियों को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताया और कहा कि ये बयानों से भारतीय टीम के मनोबल पर असर पड़ सकता है.
मुंबई| केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने सोमवार को कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर निशाना साधते हुए कहा कि इन पार्टियों के नेताओं द्वारा भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा पर की गई टिप्पणियाँ न केवल “शर्मनाक” हैं, बल्कि यह उन खिलाड़ियों के कठिन परिश्रम और बलिदान को भी कमतर आंकती हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं.
मंडाविया ने अपने बयान में कहा, “खिलाड़ियों को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए क्योंकि वे अपने पेशेवर करियर को संभालने में पूरी तरह सक्षम हैं. कांग्रेस और टीएमसी नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियाँ, जो बॉडी शेमिंग को बढ़ावा देती हैं और किसी एथलीट की काबिलियत पर सवाल उठाती हैं, न केवल अत्यधिक शर्मनाक हैं, बल्कि पूरी तरह निंदनीय भी हैं.”
दरअसल, कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने रोहित शर्मा की कप्तानी की आलोचना करते हुए उन्हें “एक खिलाड़ी के लिए मोटा” करार दिया था और उनकी नेतृत्व क्षमता को “सबसे कमजोर” बताया था. उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में लिखा था, “रोहित शर्मा एक खिलाड़ी के लिए मोटे हैं! उन्हें वजन कम करने की जरूरत है! और निश्चित रूप से, वह भारत के अब तक के सबसे अप्रभावी कप्तान हैं.” हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद यह पोस्ट हटा दी गई.
यह टिप्पणी उस समय आई, जब भारतीय क्रिकेट टीम चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर रही है और न्यूजीलैंड को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर चुकी है, जहां उसका मुकाबला मंगलवार (4 मार्च) को ऑस्ट्रेलिया से होगा. इस मैच से पहले शर्मा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 15 रन बनाए थे.
इस विवाद में टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कांग्रेस प्रवक्ता का समर्थन करते हुए कहा कि रोहित शर्मा का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है. उन्होंने कहा, “मैंने सुना है कि रोहित शर्मा का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. उन्होंने एक शतक लगाया, लेकिन इसके अलावा वह 2, 3, 4 या 5 रन बनाकर आउट हो जाते हैं. उन्हें टीम में नहीं होना चाहिए. भारत इसलिए जीतता है क्योंकि अन्य खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन कप्तान का योगदान कम है.”
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और भाजपा ने इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है. बीसीसीआई सचिव देवजीत साइकिया ने इन टिप्पणियों को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और कहा कि ये बयानों से भारतीय टीम के मनोबल पर असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा, “सभी खिलाड़ी अपने उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और इसका परिणाम भी दिख रहा है. व्यक्तिगत प्रचार के लिए ऐसे अपमानजनक बयान देने से बचना चाहिए.”
भाजपा ने भी इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारतीय कप्तान के खिलाफ की गई ये टिप्पणियाँ “पूर्व नियोजित” हैं और टीम के मनोबल को गिराने की कोशिश है. भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा, “जिस कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में 90 से अधिक चुनाव हारे हैं, वही अब भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान की बॉडी शेमिंग कर रही है, जबकि राष्ट्रीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के लिए संघर्ष कर रही है. यह टीम का मनोबल गिराने की सुनियोजित साजिश है. कांग्रेस के लिए हमारे राष्ट्रीय नायकों के प्रति घृणा स्पष्ट है. वे एक आत्मविश्वासी भारत को स्वीकार नहीं कर सकते.”
विवाद बढ़ने के बाद, कांग्रेस ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया और स्पष्ट किया कि यह टिप्पणी पार्टी की आधिकारिक राय का प्रतिनिधित्व नहीं करती है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद द्वारा एक क्रिकेटिंग लीजेंड पर की गई कुछ टिप्पणियाँ पार्टी की स्थिति को नहीं दर्शाती हैं. उनसे संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट हटाने को कहा गया है और भविष्य में अधिक सतर्क रहने की सलाह दी गई है.