आईएसकेपी की साजिश: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के दौरान विदेशी नागरिकों के अपहरण की धमकी
खास तौर पर चीनी और अरब नागरिकों को निशाना बनाने की साजिश रची जा रही है. आतंकी संगठन ने बंदरगाहों, हवाई अड्डों, कार्यालयों और उन आवासीय इलाकों की रेकी की है, जहां इन देशों के नागरिक अक्सर आते-जाते हैं.
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) से जुड़ी एक गंभीर धमकी को लेकर अलर्ट जारी किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह आतंकवादी संगठन आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के दौरान फिरौती के लिए विदेशी नागरिकों के अपहरण की योजना बना रहा है.
खास तौर पर चीनी और अरब नागरिकों को निशाना बनाने की साजिश रची जा रही है. आतंकी संगठन ने बंदरगाहों, हवाई अड्डों, कार्यालयों और उन आवासीय इलाकों की रेकी की है, जहां इन देशों के नागरिक अक्सर आते-जाते हैं.
सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती
खुफिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आईएसकेपी के आतंकवादी शहरों के बाहरी इलाकों में किराये पर संपत्तियां लेकर उन्हें सुरक्षित अड्डे के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं. ऐसे स्थानों का चुनाव किया जा रहा है जहां सीसीटीवी कैमरे न हों और जहां केवल रिक्शा या मोटरसाइकिल के जरिए ही पहुंचा जा सके. अपहृत व्यक्तियों को रात के अंधेरे में सुरक्षित ठिकानों के बीच ले जाया जाएगा, ताकि सुरक्षा एजेंसियों की नजरों से बचा जा सके.
इस चेतावनी के बाद पाकिस्तान में बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चिंता बढ़ गई है. अतीत में भी देश पर विदेशी नागरिकों के खिलाफ हमलों को नजरअंदाज करने के आरोप लगते रहे हैं. 2024 में शांगला में चीनी इंजीनियरों पर हमला और 2009 में लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुए हमले ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे.
अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी भी सतर्क
इस बीच, अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी (जीडीआई) ने भी पाकिस्तानी अधिकारियों को आईएसकेपी द्वारा संभावित आतंकी हमलों की चेतावनी दी है. जीडीआई उन लापता आतंकियों का सुराग लगाने में जुटी है, जो इस संगठन से जुड़े हुए हैं और किसी बड़े हमले की योजना बना सकते हैं.
क्रिकेट को लेकर आईएसकेपी का प्रचार अभियान
2024 में आईएसकेपी से जुड़े अल अज़ाइम मीडिया ने 19 मिनट का एक वीडियो जारी किया था, जिसमें क्रिकेट को इस्लाम के खिलाफ एक बौद्धिक युद्ध का हथियार बताया गया था. इस वीडियो में दावा किया गया था कि क्रिकेट राष्ट्रवाद और प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देता है, जो जिहादी विचारधारा के खिलाफ है. आईएसकेपी ने तालिबान को भी आड़े हाथों लिया था और अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के समर्थन को लेकर उनकी आलोचना की थी.
पाकिस्तान की खराब शुरुआत
पाकिस्तान, जो चैंपियंस ट्रॉफी के नौवें संस्करण की मेजबानी कर रहा है, टूर्नामेंट की शुरुआत में ही संघर्ष करता नजर आया है. 2017 की चैंपियन रही टीम अपने शुरुआती दोनों मुकाबले हार चुकी है. 23 फरवरी को भारत के खिलाफ उसे छह विकेट से हार का सामना करना पड़ा, जबकि न्यूजीलैंड के खिलाफ भी उसे शिकस्त झेलनी पड़ी.
आईएसकेपी की धमकी के बाद टूर्नामेंट की सुरक्षा को लेकर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके.