रांची| रिम्स में 20 दिनों के अंदर एक नया लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगा लिया जाएगा। यह ऑक्सीजन प्लांट 13 किलोलीटर टैंक का होगा। इसके लिए जल्द ही कार्यादेश जारी कर दिया जाएगा। रिम्स के एडिशनल डायरेक्टर डॉ वाघमारे प्रसाद ने बताया कि हम कोशिश कर रहे हैं कि 20 दिनों के अंदर यह प्लांट लग जाए। उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद भी यह स्थायी तौर पर मौजूद रहेगा। इस ऑक्सीजन प्लांट के अलावा रिम्स के न्यू ट्रामा सेंटर में भी 13 किलोलीटर का एक ऑक्सीजन प्लांट लगा हुआ है। दोनों ऑक्सीजन प्लांट मिलाकर रिम्स के लिए पर्याप्त होंगे।
रिम्स में अब गंभीर रूप से बीमार और आईसीयू के मरीजों को ही रेमडेसिविर दिया जाएगा। इसको लेकर रिम्स प्रबंधन जल्द ही निर्देश जारी कर सकता है। वर्तमान में ऐसी स्थिति बन गई है कि सभी मरीज रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाना चाह रहे हैं। वैसे मरीज भी रेमडेसिविर को लेकर परेशान हैं, जिनका ऑक्सीजन लेवल 95 से अधिक है। रिम्स के एक डॉक्टर ने बताया कि जिन्हें हाइ फ्लो ऑक्सीजन की जरूरत है, उनके लिए यह इंजेक्शन कारगर साबित हो सकता है। पर जिनकी स्थिति बहुत खराब नहीं है, उनको इसकी जरूरत नहीं है।
मल्टी स्टोरी पार्किंग में बन रहा 325 ऑक्सिजनेटेड बेड का कोविड यूनिट 30 अप्रैल तक हैंडओवर कर दिया जाएगा। ड्राई रन और निरीक्षण के बाद एक या दो मई से इसे चालू किया जा सकता है। रिम्स प्रबंधन ने बताया कि 325 से बढ़ाकर इसे 400 बेड तक भी किया जा सकता है। निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
मल्टी स्टोरी पार्किंग में बन रहे कोविड यूनिट में सभी बेड ऑक्सीजन सुविधा से लैस होंगे। इन सभी बेड में वर्तमान में मैनीफोल्ड सिस्टम के तहत ऑक्सीजन सप्लाई की जाएगी, जब तक रिम्स अपना नया ऑक्सीजन प्लांट नहीं स्थापित कर लेता है। वाघमारे प्रसाद ने बताया कि नया ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर लेने के बाद मैनीफोल्ड सिस्टम ऑप्शन के तहत रिम्स के पास रहेगा, ताकि किसी तरह की गंभीर स्थिति से निपटा जा सके। मल्टी स्टोरी पार्किंग में पाइपलाइन से ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था का पूरा लाभ लिया जाएगा।