विधायक पद बचाने के लिए मुकुल राय को बीमार बताकर नाटक कर रही तृणमूल- सुवेंदु अधिकारी
बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने पार्टी विधायकों को तोड़ने के मुद्दे पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर जमकर निशाना साधा।
कोलकाता| बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने पार्टी विधायकों को तोड़ने के मुद्दे पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दल बदल विरोधी कानून के तहत विधायक पद जाने की आशंका के चलते ही टीएमसी मुकुल राय को बीमार बताकर नाटक कर रही है।
सुवेंदु ने स्पष्ट रूप से कहा कि भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर जिन्होंने भी बिना विधायक पद से इस्तीफा दिए दल बदले हैं वह अपनी सदस्यता नहीं बचा पाएंगे। उन्होंने कहा कि दलबदल करने वाले विधायकों को बख्शा नहीं जाएगा और भाजपा दल बदल कानून के तहत उनकी विधानसभा सदस्यता रद कराने के लिए सभी कानूनी कदम उठाएगी।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुवेंदु ने जोर देकर कहा कि मुकुल राय को टीएमसी ने जानबूझकर अस्वस्थ बताकर अलग-थलग रखा है। उन्होंने कहा कि नियमों को ताक पर रखकर तृणमूल ने मुकुल राय को विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष बनवा दिया, लेकिन वे किसी भी बैठक में नहीं आ रहे हैं।
मुकुल की जगह तृणमूल विधायक तापस राय पीएससी के सदस्य के रूप में काम चला रहे हैं। प्रदेश भाजपा के नेताओं ने राज्य में दलबदल विरोधी कानून कैसे लागू हो इस मुद्दे पर अपने विधायकों के साथ बैठक भी की। सुवेंदु ने कहा कि पिछले 10 साल में तृणमूल कांग्रेस ने विपक्षी दलों के 50 से अधिक विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कराया है लेकिन किसी के खिलाफ दलबदल कानून के तहत कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने मणिपुर में विधायकों के दलबदल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश का हवाला देते हुए कहा कि अब बिना विधायक पद से इस्तीफा दिए दलबदल करने वाले अपनी सदस्यता नहीं बचा सकते।
उन्होंने कहा कि विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद ही कोई दल बदल कर सकता है। सुवेंदु ने पिछले दो दिनों में दो भाजपा विधायकों के तृणमूल में शामिल होने के संदर्भ में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि पार्टी उनके खिलाफ उपयुक्त कानूनी कदम उठाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुकुल राय पर भरोसा करके भाजपा ने गलती की थी। बता दें कि भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद मुकुल राय जून में वापस तृणमूल में शामिल हो गए थे।