पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुरशिदाबाद में वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ हुई हिंसक झड़पों को “सुनियोजित सांप्रदायिक दंगा” करार दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने “बाहरी” लोगों को राज्य में प्रवेश करने और अराजकता फैलाने की अनुमति दी. ममता ने यह बयान मुरशिदाबाद हिंसा की प्रारंभिक जांच के उन दावों के जवाब में दिया, जिनमें कथित तौर पर बांग्लादेशी उपद्रवियों की संलिप्तता की बात सामने आई थी.
मुस्लिम धर्मगुरुओं को संबोधित करते हुए ममता ने यह टिप्पणी तब की, जब मुरशिदाबाद में वक्फ विधेयक के खिलाफ हिंसा में तीन लोगों की मौत हो चुकी थी और दक्षिण 24 परगना जिले में भी कुछ लोग घायल हुए थे.
बीजेपी पर लोगों को भड़काने का आरोप
ममता ने विपक्षी दल बीजेपी पर लोगों को उकसाने का आरोप लगाया और दावा किया कि कुछ लोग बंगाल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “कुछ लोग संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं. संविधान को अंबेडकर ने बनाया था, न कि बीजेपी ने. आप संविधान के साथ क्या कर रहे हैं? आप लोगों को भड़का रहे हैं. कुछ मीडिया बंगाल को बदनाम कर रहा है, जो फर्जी खबरें फैला रहे हैं.”
ममता ने मुस्लिम समुदाय से कानून को अपने हाथ में न लेने की अपील की. उन्होंने कहा, “हम इमाम और पुरोहित दोनों का सम्मान करते हैं. बीजेपी के उकसावे में न आएं, कानून को अपने हाथ में न लें और संयम बरतें. हम दुर्गा पूजा करते हैं, फिर भी कुछ लोग कहते हैं कि हम ऐसा नहीं करते. हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं.”
केंद्र सरकार पर सवाल, दिल्ली में प्रदर्शन की सलाह
ममता ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि वक्फ संशोधन विधेयक को इतनी जल्दबाजी में क्यों लाया गया. उन्होंने कहा, “क्या आपको बांग्लादेश की स्थिति का अंदाजा नहीं था? बंगाल की सीमा बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और श्रीलंका से लगती है. यूनुस के साथ बैठक करें, समझौते करें. अगर इससे देश का भला होता है, तो मुझे खुशी होगी. लेकिन उनका मकसद क्या है? कुछ एजेंसियों के जरिए बाहरी लोगों को लाकर दंगे करवाना? मैंने कल एक ट्वीट देखा, जिसमें गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा गया कि बांग्लादेश इसमें शामिल है. अगर ऐसा है, तो केंद्र सरकार जिम्मेदार है, क्योंकि सीमा की सुरक्षा बीएसएफ करती है, न कि हम. राज्य सरकार का सीमा सुरक्षा का दायित्व नहीं है. बीजेपी के गुंडों को बाहर से लाकर अराजकता फैलाने और फिर भागने की इजाजत क्यों दी गई? यह एक सुनियोजित दंगा है.”
ममता ने मुस्लिम समुदाय से दिल्ली में प्रदर्शन करने और राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से मुलाकात का समय मांगने की सलाह दी. उन्होंने कहा, “दिल्ली जाएं, वहां आंदोलन करें. राष्ट्रपति और पीएम से समय मांगें. वहां कार्यक्रम करें, रुकें. मैं वादा करती हूं कि टीएमसी के सांसद आपके साथ होंगे.”
बीजेपी का पलटवार, राष्ट्रीय महिला आयोग की जांच
बीजेपी ने ममता के इमामों से मुलाकात की आलोचना की और कहा कि हिंसा में हिंदू समुदाय पीड़ित हुआ, फिर भी मुख्यमंत्री मुस्लिम धर्मगुरुओं से मिल रही हैं. इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम गुरुवार को पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी. यह टीम प्रभावित परिवारों से मिलेगी और पीड़ितों, खासकर महिलाओं, को राहत व परामर्श प्रदान करेगी. आयोग की अध्यक्ष मुरशिदाबाद सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगी.