महासमुंद: भाजपा के बागी सम्पत की घर वापसी के साथ गुटबाजी भी !
छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिले की सबसे चर्चित बसना विधानसभा और विधानसभा क्षेत्र में चर्चित नीलांचल सेवा समिति के संस्थापक संपत अग्रवाल का अंततः मंगलवार को भाजपा प्रवेश हो गया. भाजपा के बागी रहे सम्पत के पुन: भाजपा प्रवेश से अब बसना ही नहीं पूरे महासमुन्द जिला ही गुटबाजी की आग से झुलसने वाला है. इसका कारण यह बताया जा रहा है कि भाजपा के बसना विधान सभा मे कुल कार्यकर्ताओ के मुकाबले अकेले सम्पत की नीलांचल समिति में उससे अधिक कार्यकर्ता हैं.
रजिंदर खनूजा
पिथौरा | छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिले की सबसे चर्चित बसना विधानसभा और विधानसभा क्षेत्र में चर्चित नीलांचल सेवा समिति के संस्थापक संपत अग्रवाल का अंततः मंगलवार को भाजपा प्रवेश हो गया. क्या भाजपा के बागी रहे सम्पत के पुन: भाजपा प्रवेश से अब बसना ही नहीं पूरे महासमुन्द जिला ही गुटबाजी की आग से झुलसने वाला है? क्योंकि इसका कारण बताया जा रहा है कि भाजपा के बसना विधान सभा मे कुल कार्यकर्ताओ के मुकाबले अकेले सम्पत की नीलांचल समिति में उससे अधिक कार्यकर्ता हैं.
बसना के चर्चित नेता सम्पत अग्रवाल का भाजपा में प्रवेश विगत 9 सितंबर को ही होने वाला था. परन्तु भाजपा नेताओं की व्यस्तता के कारण उस दिन प्रवेश टल गया था. उसके बाद मंगलवार को सम्पत का भाजपा प्रवेश तय हुआ और अंततः उनका भाजपा प्रवेश पार्टी के राष्ट्रीय एवम राज्य स्तर के नेताओं के सामने हुआ.
बसना विधान सभा मे जिस तरह लगातार भाजपा कमजोर होती जा रही थी उससे भाजपा हाई कमान की भी चिंता स्वाभाविक रही होगी. शायद इसी के मद्देनजर सम्पत को प्रवेश देने का निर्णय हुआ हो. परन्तु संपत के कोई 500 जनप्रतिनिधियों सहित भारी भरकम फ़ौज के साथ पार्टी प्रवेश करने से अब तक भाजपा में जिन लोगो का वर्चस्व था।उनके माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं.
संपत नीलांचल सेवा समिति के बेनर तले एक बड़ी टीम के साथ काम कर रहे थे, परन्तु अब उन्हें भाजपा पदाधिकारियों के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा और स्वयम की मर्जी से संगठन चलाने में कुछ परेशानी आ सकती है. जिससे नीलांचल समिति वाली भाजपा और पूर्व के भाजपा पदाधिकारियों में सामंजस्य बैठाना आसान नहीं होगा. लिहाजा भाजपा की गुटबाजी की शुरुवात बसना से होगी और यह गुटबाजी धीरे धीरे जिले भर में फैल सकती है. जिसे नियंत्रण करना काफी कठिन हो सकता है.
इसे भी पढ़ें
बसना विधान सभा: रूपकुमारी चौधरी के लिए सम्पत एक चुनौती !
बसना भाजपा में तीन दावेदार
विधान सभा चुनाव हेतु अब मात्र 13 माह बच गए हैं. इन 13 माह के पहले ही भाजपा की टिकिट हेतु भागदौड़ प्रारम्भ हो जाएगी. विगत चुनाव में भाजपा द्वारा एक कोचिंग सेंटर के संचालक पर दांव लगाया था परन्तु भाजपा का दांव काम नहीं आया और भाजपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर आए थे.
इस चुनाव में भाजपा की टिकिट नही मिलने से नाराज संपत अग्रवाल ने बगावत किया और शानदार प्रदर्शन करते हुए 50 हजार से अधिक वोट बटोर कर दूसरा नम्बर हासिल किया था. आगामी चुनाव हेतु भाजपा में संपत अग्रवाल एक मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं. परन्तु उनके सामने सबसे बड़ा रोड़ा भाजपा महासमुन्द जिलाध्यक्ष रूपकुमारी चौधरी है, जो कि स्वयम बसना से विधानसभा चुनाव जीत चुकी हैं.
इसके अलावा कोलता बहुल क्षेत्र में उड़िया भाषी होने के कारण पुरन्दर मिश्रा भी अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं. बहरहाल चुनाव के कोई साल भर पहले सम्पत अग्रवाल को भाजपा प्रवेश से भाजपा के बसना विधान सभा से टिकिट चाहने वालों को एक झटका लग सकता है.