भिलाई नगर निगम में एलईडी लाइट घोटाला, आयुक्त ने दिए जांच के आदेश
भिलाई नगर निगम में ठेका एजेंसी ने एक बिजली पोल में करीब 41 हजार की दो एलईडी लाइट लगाई हैं। देश की नामी कंपनी के उतने ही वॉट और वारंटी की एलईडी लाइट जीएसटी के साथ 4 हजार रुपए में उपलब्ध है।
दुर्ग। भिलाई नगर निगम में ठेका एजेंसी ने एक बिजली पोल में करीब 41 हजार की दो एलईडी लाइट लगाई हैं। देश की नामी कंपनी के उतने ही वॉट और वारंटी की एलईडी लाइट जीएसटी के साथ 4 हजार रुपए में उपलब्ध है। वहीं ठेका एजेंसी मेसर्स अन्नपूर्णा फर्नीचर एण्ड बिल्डिंग ने इसी कंपनी की एलईडी लाइट को 20,579 की दर से लगाया है। हैरानी की बात ये है कि अधिकारियों ने बिल का भुगतान भी कर दिया हैं।
पांच गुना अधिक दर पर एक एक एलईडी का भुगतान ठेका एजेंसी को अधिकारियों ने क्यों किया? यह सवाल अब उठने लगे हैं। निगम आयुक्त अब जांच का आश्वासन दे रहे हैं लेकिन ये घोटाला कैसे हुआ इस पर कोई बात करने के लिए तैयार नहीं है। इस मामले में एक बात और चौंकाने वाली है। जब खुदरा बाजार में ब्रांडेड कंपनी की लाइट्स मौजूद है, तो फिर निगम ने इसके लिए ठेका प्रणाली अपनाकर चार गुना अधिक दाम में किसी भी कंपनी की लाइट्स क्यों लगने दी ?
मामला खुर्सीपार से अंडा चौक के मध्य सड़क में लगे 15 बिजली पोल का है, जहां ठेकेदार ने 25 एलईडी लगाई हैं। इसमें 10 पोल जो सड़क के मध्य में लगाए गए, उनमें 20 एलईडी लगाई गई हैं। वहीं पांच पोल जो सड़क के किनारे हैं, उसमें 5 एलईडी लगी हैं। इस तरह से 25 एलईडी को 5 लाख 14 हजार 475 रुपए में लगाया गया हैं। इसके अलावा 20 और एलईडी का हिसाब ठेकेदार ने बिल भुगतान के दौरान दिया हैं। वह एलईडी कहां लगाए हैं, उसका कहीं उल्लेख नहीं हैं।
पूरे मामले में खरीदी प्रक्रिया के दौरान दो रेट पर एलईडी क्रय किया गया हैं। 90 वाट की 20 नग एलईडी भी ठेकेदार ने लिया। इसकी कीमत 3 लाख 70 हजार रुपए बताई गई हैं। निगम के जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जांच में जो रिपोर्ट आएगा, उसके आधार पर ठेकेदार के ऊपर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं बीजेपी पार्षद का कहना है कि आम जनता के टैक्स का पैसा बेबुनियाद खर्चा किया जा रहा है। एलईडी लाइट चार गुना महंगे में खरीदी गई है। इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं किया गया, तो हम उग्र प्रदर्शन करेंगे।