सरकार का बड़ा फैसला,स्कूलों में मध्यान्ह भोजन और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को गरम दूध मिलेगा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांवों के गौठानों में पशुपालन और डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गौठानों में उत्पादित दूध की गांवों में खपत करने और पशुओं के चारे की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांवों के गौठानों में पशुपालन और डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गौठानों में उत्पादित दूध की गांवों में खपत करने और पशुओं के चारे की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसान लाभान्वित हो रहे हैं, इसी तरह गौठानों में संचालित डेयरी से उत्पादित दूध की गांवों में खपत और पशुओं के चारे की व्यवस्था होने से पशुपालक लाभान्वित होंगे और पशुपालन के लिए प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि गांवों के आंगनबाड़ी केन्द्रों और स्कूलों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन के सहयोग से बच्चों को उबालकर दूध उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। इससे पशुपालकों को दूध का वाजिब मूल्य मिलेगा। ग्रामीण दूधारु पशुपालन के लिए प्रोत्साहित होंगे। गौ-माता की सेवा होगी। ग्रामीण अंचल में दूध की उपलब्धता बढ़ने से पोषण स्तर बेहतर होगा। मुख्यमंत्री बघेल ने मुख्य सचिव को इसके लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि वितरण और राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत हितग्राहियों को अनुदान राशि वितरण के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ये निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचने वाले पशुपालकों, ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 84 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की। इस राशि में से 15 जून से 30 जून तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में 3.69 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया। गौठान समितियों को 4.31 करोड़ और महिला समूहों को 2.84 करोड़ रूपए की लाभांश राशि का भुगतान किया। इसी तरह उन्होंने राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत 25 हितग्राहियों को 13.63 लाख रूपए की अनुदान राशि का भुगतान हितग्राहियों के खाते में किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांकेर जिले के पोटगांव गौठान, कोण्डागांव के बोलबोला गौठान, बलौदाबाजार के पुरैना खपरी गौठान, दुर्ग के मोहलई गौठान एवं रायगढ़ के बनसियां गौठान में पशुपालन कर रहे हितग्रहियों से चर्चा कर उनसे राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई अनुदान राशि, दूध का गांवों में मिल रहे रेट की जानकारी भी ली।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अलग-अलग गांवों में दूध का अलग-अलग रेट हितग्राहियों को मिल रहा है। आंगनबाड़ी और स्कूलों में दूध वितरण की व्यवस्था से दूध के रेट में एकरूपता आएगी। उन्होंने कहा कि गौठानों में डेयरी व्यवसाय कर रहे हितग्राहियों को छह माह बाद एक अतिरिक्त गाय अन्य योजना से दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भेंट-मुलाकात अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन के साथ चल रही अन्य गतिविधियों से गांवों में बदलाव नजर आ रहा है। लोगों की आय बढ़ी है और उनमें एक नया आत्मविश्वास जगा है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना की सफलता से प्रदेश में गौठानों की संख्या में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सालभर में खरीदे गए गोबर की मात्रा और गोबर खरीदी की राशि में वृद्धि हुई है। योजना के तहत अब तक 75 लाख 38 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है तथा गौठानों में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों और पशुपालकों को अब तक गोबर के एवज में 150.75 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 143.19 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना से 2 लाख 11 हजार से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45.97 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है। इस योजना से एक लाख 33 हजार से अधिक भूमिहीन परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। गौठानों की आजीविका गतिविधियों के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों ने अब तक 72 करोड़ 19 लाख रूपए की आय प्राप्त की है।

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