कांग्रेस से आजाद हुए गुलाम नबी, दिया सभी पदों से इस्तीफा, कहा नई पार्टी बनाऊंगा

कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने आज पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। वह लंबे से समय से पार्टी ने नाराज चल रहे थे। कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा था।

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नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने आज पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। वह लंबे से समय से पार्टी ने नाराज चल रहे थे। कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा था। कुछ दिन पहले ही आजाद ने कश्मीर में पार्टी के प्रचार समिति से इस्तीफा दे दिया था। सोनिया गांधी को संबोधित अपने इस्तीफे में आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा देने की बात कही है। कांग्रेस के बागी गुट जी-23 के अहम सदस्य आजाद ने सोनिया गांधी को कांग्रेस में बदलाव को लेकर एक चिट्ठी भी लिखी थी। इस चिट्ठी के बाद काफी बवाल मचा था।

गुलाम नबी आजाद ने सोनिया को सौंपा 5 पेज का इस्तीफाः गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को अपना 5 पेज का इस्तीफा सौंपा है। इस्तीफे ने गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राहुल गांधी ने पार्टी में आतंरिक लोकतंत्र को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। आजाद ने पत्र में कहा कि बीते कुछ सालों में राहुल गांधी ने सीनियर लीडर को दरकिनार कर दिया है। कांग्रेस में इन दिनों राहुल गांधी और सोनिया गांधी की दो टीम काम कर रही है। राहुल गांधी लगातार पार्टी के संविधान को दरकिनार करते हुए काम कर रहे हैं।

गुलाम नबी के समर्थन में जम्मू-कश्मीर के 5 पूर्व विधायकों ने भी दिया इस्तीफाः जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को लगातार झटके मिल रहे हैं। उनके समर्थन में कांग्रेस के 5 पूर्व विधायकों ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। इनमें से कुछ पिछली सरकार में मंत्री भी रहे थे। शुक्रवार कांग्रेस विधायक जी. एम. सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया। ये सभी 2014 यानी अंतिम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर विधायक बने थे। जम्मू-कश्मीर के PCC अध्यक्ष जी. एम. सरूरी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद साहब ने जो फैसला लिया है और उनके समर्थन में हम 5 विधायकों ने इस्तीफा दिया है।

इन 5 पूर्व विधायकों और मंत्रियों के साथ-साथ पूर्व मंत्री आर एस चिब, पूर्व मंत्री जुगल किशोर शर्मा और महासचिव अश्विनी हांडा ने भी इस्तीफा दे दिया है। उधर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए सुनील जाखड़ ने कहा कि ये कांग्रेस को अपनी कमजोरियों को देखने का समय है। क्यों आज इतने बड़े नेता कांग्रेस छोड़ कर गए? इस पर विचार करने के बजाय कांग्रेस एक ही बात कर रही है कि उन्होंने धोखा दिया है। मैंने जो-जो बातें कही थी उन सब पर गुलाम नबी आज़ाद साहब ने मुहर लगा दी है।

गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे का कांग्रेस ने की प्रेस कॉन्फ्रेंसः गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि हमने (गुलाम नबी) आजाद साहब का (इस्तीफे का) पत्र देखा। दुख की बात है कि उन्होंने ऐसे समय में कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया जब कांग्रेस देश भर में बढ़ती महंगाई, बेरोज़गारी, ध्रुवीकरण की लड़ाई लड़ने जा रही है। दुख की बात है कि वे इस लड़ाई में हिस्सा नहीं बन रहे। वहीं कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने भी आजाद के इस्तीफे पर दुख जताया।

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कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जो टिप्पणियां की गई हैं वो उचित नहीं है। मैं खुद सदमे में हूं कि एक 72 साल का व्यक्ति, जिसे जिंदगी में सब कुछ मिला हो वो आज ऐसे संदेश दे रहे जो मेरे समझ के परे हैं।

आजाद के इस्तीफे पर जम्मू कश्मी के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने श्रीनगर में कहा कि इंदिरा गांधी जी के वक्त से गुलाम नबी आज़ाद इनर कैबिनेट के मेम्बर थे। आज भी सोनिया गांधी के बहुत करीब थे। बड़ा अफसोस है मुझे कि ऐसा क्या हो गया कि इन्हें इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा।

हिमंत बिस्वा सरमा बोले, आजाद ने लिखा मेरे जैसा पत्रः असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि गुलाम नबी आजाद और मेरे लिखे गए (इस्तीफे) पत्र में काफी समानता हैं। सबको पता है कि राहुल गांधी अपरिपक्व और अप्रत्याशित नेता है। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने अब तक बस अपने बेटे को ही आगे बढ़ाने का काम किया है जो अब तक विफल रहा है। इस वजह से जो नेता पार्टी के लिए वफ़ादार थे वह पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। मैंने 2015 में ही कहा था कि कांग्रेस में सिर्फ गांधी रह जाएंगे। राहुल गांधी भाजपा के लिए वरदान हैं। जब लोग राहुल गांधी से हमारे नेताओं की तुलना करते हैं तो वैसे ही हम आगे हो जाते हैं।

कई आला नेता आलाकमान से नाराजः गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी में कई आला नेता इन दिनों आलाकमान से नाराज चल रहे हैं। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को तब बड़ा झटका लगा था जब वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया था। तब आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा था कि हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस की संचालन समिति का अध्यक्ष पद भारी मन से छोड़ा है।

कांग्रेस के जी-23 गुट के नेताः आनंद शर्मा के बाद अब गुलाम नबी आजाद ने भी सीधे पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया है। हिमाचल के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले आनंद शर्मा से पहले जम्मू कश्मीर के दिग्गज गुलाम नबी आजाद को भी जम्मू कश्मीर चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। बता दें कि गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल सहित कई दिग्गज नेता कांग्रेस के जी-23 गुट के नेता थे। इस गुट के नेता कांग्रेस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र के लिए चुनाव कराने के समर्थक हैं।

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