भुवनेश्वर। उच्च-स्तरीय जांच करने के बाद रेलवे सुरक्षा आयोग ने पाया कि बालेश्वर दुर्घटना के पीछे “गलत सिग्नलिंग” मुख्य कारण था और सिग्नलिंग व दूरसंचार विभाग में “कई स्तरों पर चूक” को चिह्नित किया और त्रासदी का संकेत दिया। यदि पहले ही लाल सिग्नल दे दिया गया होता तो इस हादसे को टाला जा सकता था।
सूत्रों ने कहा कि चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस 2 जून को शाम करीब 7 बजे बालेश्वर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन पर एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिसमें 290 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इसके बाद इसके कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए और बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन के आखिरी दो डिब्बों से टकरा गए जो बगल की पटरी पर दौड़ रही थी।