छत्तीसगढ़ में घमासान: टीएस सिंहदेव का इस्तीफा, सीएम ने कहा,अभी तक उन्हें त्याग पत्र नहीं मिला
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से सवा साल पहिले छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने एक विभाग पंचायत मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया है. वे राज्य सरकार और मुख्यमंत्री से कई मुद्दों पर असहमत हैं. उन्होंने जो पत्र लिखा है उससे यह साफ है. हालाकि मुख्यमंत्री ने टीएस सिंहदेव के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफे पर मिडिया को कहा है कि “उन्हें मीडिया के माध्यम से इसकी सूचना मिली है। अभी तक उन्हें त्याग पत्र नहीं मिला है. उनके पास पत्र आएगा तो परीक्षण करा लेंगे।’
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से सवा साल पहिले छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने एक विभाग पंचायत मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया है. वे राज्य सरकार और मुख्यमंत्री से कई मुद्दों पर असहमत हैं. उन्होंने जो पत्र लिखा है उससे यह साफ है. हालाकि मुख्यमंत्री ने टीएस सिंहदेव के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफे पर मिडिया को कहा है कि “उन्हें मीडिया के माध्यम से इसकी सूचना मिली है। अभी तक उन्हें त्याग पत्र नहीं मिला है. उनके पास पत्र आएगा तो परीक्षण करा लेंगे।’
बहरहाल विधानसभा सत्र शुरू होने से पहिले इस घटनाक्रम ने कांग्रेस कि दिक्कतें बढ़ा दी हैं. पहिले ही मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर ढाई-ढाई वर्ष के फार्मूले पर हमलावर विपक्षी भाजपा को फ़िर यह मुद्दा हाथ लग गया है. प्रदेश की राजनीति में तूफान मच गया है.
अब तो टी एस बाबा को भी भारतीय जनता युवा मोर्चा का नारा लगाना चाहिए।
भूपेश बघेल होश में आओ
जनता हित से मत टकराव।अपने इस्तीफे में टी एस बाबा द्वारा प्रमुख रूप से लिखी गयी बातें
1.प्रधानमंत्री आवास योजना का एक भी मकान कोष की कमी से पूरा नही हो पाया pic.twitter.com/hHt9Yo87Mz— BJYM JANJGIR – CHAMPA (@BjymChampa) July 17, 2022
इधर राजनितिक जानकारों का कहना है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस के गठबंधन वाली महाअघाड़ी सरकार के गिरने के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी पार्टी को टीएस सिंहदेव की नाराजगी भारी पड़ सकती है.
बता दें छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष तक विपक्ष में रहने के बाद कांग्रेस के सत्ता में आने और सरकार गठन तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सिंहदेव की जोड़ी की तुलना जय और वीरू की जोड़ी से की जाती रही है. इधर बीते दो वर्षों में दोनों के बीच का पूरा राजनीतिक समीकरण बदल चुका है.
बता दें वर्ष 2018 के चुनाव के लिए जनघोषणा पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी कांग्रेस ने सिंहदेव को सौंपी थी. सिंहदेव ने इसके लिए पूरे प्रदेश का दौरा किया था। समाज के लगभग हर वर्ग के बीच जाकर उन्होंने बात की. इसके आधार पर 36 बिंदुओं का जनघोषणा पत्र तैयार हुआ. कांग्रेस को प्रदेश में 90 में से 69 सीट मिलीं जिसका प्रमुख कारण इस जनघोषणा पत्र को माना गया था.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को रायपुर के इनडोर स्टेडियम में आयोजित जैन संतों के चातुर्मास कार्यक्रम में मीडिया को कहा कि “उन्हें मीडिया के माध्यम से इसकी सूचना मिली है। अभी तक उन्हें त्याग पत्र नहीं मिला है। उनके पास पत्र आएगा तो परीक्षण करा लेंगे.’
बता दें टीएस सिंहदेव ने शनिवार शाम को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफे की घोषणा की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चार पेज का एक पत्र लिखा है। इसमें विभाग में लगातार दखलअंदाजी और उनके प्रस्तावों पर काम नहीं होने की गंभीर शिकायतें हैं।
सोशल मीडिया भी इस ताजा घटनाक्रम पर टिप्पणियों से भरा पड़ा है.
छत्तीसगढ़ के ‘सीएम इन वेटिंग’ टी एस सिंहदेव ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री से कई गंभीर असहमति जताते हुए, पंचायत मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.
राज्य में सवा साल बाद चुनाव हैं लेकिन चुनाव की तस्वीर अभी से बननी शुरू हो गई है. pic.twitter.com/jjQ7ldUnKA
— Alok Putul (@thealokputul) July 16, 2022
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक इधर आज छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की मौजूदगी में कांग्रेस की बैठक में एक बार फिर जिलाध्यक्षों और कार्यकर्ताओं का असंतोष सामने आया है.
एक जिलाध्यक्ष ने तो यहां तक कह दिया कि कार्यकर्ताओं की असंतोष की वजह से ही अजीत जोगी की सरकार गई, रमन सिंह की सरकार गई. यदि यह बातें नहीं समझी गईं तो मंत्रियों का काम बिगड़ेगा। हमारा क्या है-हम तो कार्यकर्ता हैं.
पी एल पुनिया से कई पदाधिकारियों ने विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ नाराजगी भी जताई. एक पदाधिकारी ने कहा कि उन लोगों को कोई पूछ नहीं रहा है. अपॉइंटमेंट नहीं मिलता। विधायक उनका सम्मान नहीं करते. प्रशासन भाजपा के लोगों के इशारे पर काम कर रहा है. हमारे कार्यकर्ता चार साल से परेशान हैं.