केंद्र ने आपदा राहत के लिए दिये ओडिशा को 707.60 तो छग को 181.60 करोड़ रुपये

 केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बुधवार को राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि (एसडीआरएफ) के लिए 22 राज्य सरकारों को 7,532 करोड़ रुपये जारी किए हैं। वित्त मंत्रालय ने बताया कि यह राशि गृह मंत्रालय की सिफारिशों के अनुसार जारी की गई है। वित्त मंत्रालय के अनुसार जारी की गई राशि का राज्यवार विवरण इस प्रकार है

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भुवनेश्वर। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बुधवार को राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि (एसडीआरएफ) के लिए 22 राज्य सरकारों को 7,532 करोड़ रुपये जारी किए हैं। वित्त मंत्रालय ने बताया कि यह राशि गृह मंत्रालय की सिफारिशों के अनुसार जारी की गई है। वित्त मंत्रालय के अनुसार जारी की गई राशि का राज्यवार विवरण इस प्रकार है: आंध्र प्रदेश (493.60 करोड़ रुपये), अरुणाचल प्रदेश (110.40 करोड़ रुपये), असम (340.40 करोड़ रुपये), बिहार (624.40 करोड़ रुपये), छत्तीसगढ़ (रुपये) 181.60 करोड़ रुपये), गोवा (4.80 करोड़ रुपये), गुजरात (584 करोड़ रुपये), हरियाणा (216.80 करोड़ रुपये), हिमाचल प्रदेश (180.40 करोड़ रुपये), कर्नाटक (348.80 करोड़ रुपये), केरल (138.80 करोड़ रुपये), महाराष्ट्र 1420.80 करोड़ रुपये), मणिपुर (18.80 करोड़ रुपये), मेघालय (27.20 करोड़ रुपये), मिजोरम (20.80 करोड़ रुपये), ओडिशा (707.60 करोड़ रुपये), पंजाब (218.40 करोड़ रुपये), तमिलनाडु (450.00 करोड़ रुपये), तेलंगाना 188.80 करोड़ रुपये), त्रिपुरा (30.40 करोड़ रुपये), उत्तर प्रदेश (812 करोड़ रुपये) और उत्तराखंड (413.20 करोड़ रुपये)।

 एक विज्ञप्ति में वित्त मंत्रालय ने कहा कि देश भर में भारी बारिश के मद्देनजर दिशानिर्देशों में ढील दी गई है और पिछले दिनों राज्यों को प्रदान की गई राशि के उपयोग प्रमाण पत्र की प्रतीक्षा किए बिना राज्यों को तत्काल सहायता के रूप में धन जारी किया गया है। केंद्र सरकार सामान्य राज्यों में एसडीआरएफ में 75 प्रतिशत और पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में 90 प्रतिशत योगदान देती है।

वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार वार्षिक केंद्रीय योगदान दो समान किश्तों में जारी किया जाता है। दिशानिर्देशों के अनुसार, पिछली किस्त में जारी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त होने और एसडीआरएफ से की गई गतिविधियों पर राज्य सरकार से रिपोर्ट प्राप्त होने पर धनराशि जारी की जाती है।

 एसडीआरएफ का उपयोग केवल चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सुनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटना, कीट हमले और ठंढ व शीत लहर जैसी अधिसूचित आपदाओं के पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करने के खर्च को पूरा करने के लिए किया जाना है।

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