आरक्षण को लेकर भाजपा की नीयत कभी साफ नही रही : अंकित

अंकित बागबाहरा ने कहा है किआरक्षण को लेकर भाजपा की नीयत कभी साफ नही रही | भाजपा और आरएसएस के नेता कभी आरक्षण लागू करने के पक्षधर न थे,न हैं और न ही कभी रहेंगे।पिथौरा प्रवास पर कुछ पत्रकारों से चर्चा क्र रहे थे |

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पिथौरा|अंकित बागबाहरा ने कहा है किआरक्षण को लेकर भाजपा की नीयत कभी साफ नही रही | भाजपा और आरएसएस के नेता कभी आरक्षण लागू करने के पक्षधर न थे,न हैं और न ही कभी रहेंगे।पिथौरा प्रवास पर कुछ पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे |

छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के नवनियुक्त सदस्य व खल्लारी विधानसभा के कांग्रेस नेता अंकित बागबाहरा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व की कॉंग्रेस सरकार द्वारा विधानसभा में छत्तीसगढ़ लोक सेवा अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 और छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था प्रवेश में आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 को ला और उसे भाजपा और अन्य विपक्षी दलों द्वारा विरोध कर बहिर्गमन करने पश्चात ध्वनि मत में पारित करवाने,तत्काल छत्तीसगढ़ सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा माननीय महामहिम राज्यपाल के सामने भी तत्काल प्रस्तुत कर दिया गया इस हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया गया है ।

पिथौरा प्रवास पर कुछ पत्रकारों से चर्चा में अंकित ने सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस के नेता कभी आरक्षण लागू करने के पक्षधर न थे,न हैं और न ही कभी रहेंगे । जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण भाजपा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल द्वारा विधेयक को 9 तारीख तक टालने की मांग करना,भाजपाई किसी हालात में आरक्षण संसोधन विधेयक सदन से पारित नही होने देना चाहते थे,हद तो तब हो गयी जब इनके दो वरिष्ठ विधायकों ने मंत्री शिव डहरिया के साथ हाथा पाई तक उतारू हो गए ताकि सदन की कार्यवाही भंग हो जाये, और अंत में जब संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया गया तो भाजपाई सदन की कार्यवाही को छोड़ कर चले गए । भाजपा की आरक्षण की प्रति सोच को जानना है तो इनके तीन कार्यकाल के मंत्रिमंडल के नामों को देखकर समझा जा सकता है । आज केंद्र आरक्षण को खत्म करने पूरे देश मे निजीकरण लागू कर रही है ताकि उसे आरक्षण रोस्टर का पालन न करना पड़े।

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अंकित ने कहा आबादी के आधार पर स्थानीय नागरिकों को आरक्षण सुनिश्चित करना भूपेश सरकार का संकल्प है। भूपेश सरकार ने इसके लिए जस्टिस छबिलाल पटेल की अध्यक्षता में क्वांटिफिएबल डाटा आयोग का गठन किया है ।इस कमेटी ने धरातल पर उतर कर वास्तविक डाटा एकत्रित किया गया है, जिसका स्थानीय निकायों व पंचायतों के सामान्य सभा में दावा/आपत्ति के बाद परीक्षण भी किया गया तथा आधार नंबर से भी सत्यापित किया गया है। पोर्टल और मोबाइल ऐप के माध्यम से भी आंकड़े जुटाए गए है।

जबकि पूर्व वर्ती रमन सरकार के दौरान ही छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 16 से घटाकर 12 प्रतिशत किया गया। 21 लाख फर्जी राशन कार्ड बना कर गरीबों के 36000 करोड़ के राशन खाने वाले यही भाजपा के लोग थे। आदिवासी आरक्षण के संदर्भ में 2018 तक जानबूझकर षड़यंत्र रचते रहे, उच्च न्यायालय में तथ्य और आधार ही प्रस्तुत नहीं किया गया।

ननकीराम कंवर की अध्यक्षता में गठित कमेटी और सीएस मिंज की अध्यक्षता में गठित कमेटी के दस्तावेज का जिक्र ना शपथ पत्र में था ना अंतिम बयान और ना ही संशोधित बयान में दर्ज थे जो बिलासपुर उच्च न्यायालय में 2018 के पूर्व में दाखिल किए गए। जिसका दुष्परिणाम निकला की नई सरकार को अपना पक्ष रखने का अवसर दिए बिना ही उच्च न्यायालय ने आरक्षण के खिलाफ फैसला सुनाया था ।
आज कांग्रेस की सरकार ने अपनी साफ नियत से इस प्रदेश के हर वर्ग का ध्यान रखते हुए संशोधन विधेयक लाया और उसे स्वीकृत कर तत्काल राज्यपाल महोदया के पास भेजा साथ ही जिलों में जिलाधीश महोदय के अधिकार क्षेत्र में जिले की भर्तियों में जिले की जनगड़ना अनुरूप आरक्षण लागू किया जाएगा।

अंकित ने चुनौती देते हुए कहा कि दिखावा बंद कर अगर भाजपा सही में आरंक्षण की हितैषी है तो तत्काल इसके सभी 9 भाजपाई सांसदों को केंद्र की मोदी सरकार से इसे 9 वीं अनुसूची में डालने पहल करनी चाहिए अन्यथा छत्तीसगढ़ के हित में इन्हें अपने पदों में रहने का कोई अधिकार नही है ।

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