झामुमो का आरोप, जैन धर्मावलंबियों की भावनाओं से खेलने वाली पार्टी है बीजेपी

झारखंड के गिरिडीह जिले के पारसनाथ स्थित सम्मेद शिखरजी पर्वत को पर्यटन स्थल बनाए जाने को लेकर पूरे देश में पिछले लगभग 10 दिनों से जैन धर्मावलंबियों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। यह दबाव बनाया जा रहा है कि...

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रांची। झारखंड के गिरिडीह जिले के पारसनाथ स्थित सम्मेद शिखरजी पर्वत को पर्यटन स्थल बनाए जाने को लेकर पूरे देश में पिछले लगभग 10 दिनों से जैन धर्मावलंबियों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। यह दबाव बनाया जा रहा है कि झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार पारसनाथ स्थित सम्मेद शिखरजी पर्वत को पर्यटन स्थल बनाए जाने से संबंधित फैसले को निरस्त कर इसे जैन धर्मावलंबियों का आस्था का केंद्र पवित्र स्थल ही रहने दिया जाए।

सम्मेद शिखरजी पर्वत पारसनाथ को लेकर देश की राजधानी दिल्ली से लेकर झारखंड की राजधानी रांची में जैन धर्मावलंबियों के द्वारा प्रदर्शन किया गया। झारखंड की सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता और महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा पर जैन धर्मावलंबियों के भावनाओं के साथ खेलने का आरोप लगाया है। पूर्ववर्ती भाजपा की रघुवर दास की सरकार और केंद्र की मोदी सरकार से यह मांग की है कि आप लोगो को जैन धर्मावलंबियों की भावनाओं को आहत करने को लेकर माफी मांगनी चाहिए।

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 झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि भाजपा की पूर्ववर्ती रघुवर दास की सरकार ने पारसनाथ को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल घोषित किया था। सुप्रियो ने इससे संबंधित गजट दिखाते हुए कहा कि रघुवर सरकार के समय दो गजट जारी हुए थे। सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि रघुवर दास के कार्यकाल के दौरान कला, पर्यटन, संस्कृति और खेलकूद विभाग ने 22 अक्टूबर 2018 को कार्यालय आदेश जारी किया था जिसमें उल्लेख है कि पारसनाथ सम्मेद शिखरजी सदियों से जैन धर्म का पवित्र व पूजनीय स्थल है।

इसकी पवित्रता को बनाए रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है, लेकिन उनके कार्यकाल में ही 26 फरवरी 2019 को विभाग ने एक गजट प्रकाशित किया जिसमें गिरिडीह के पारसनाथ मधुबन को पर्यटन स्थल घोषित किया गया। इसी गजट के आधार पर केंद्र की मोदी सरकार ने 2 अगस्त 2019 को पारसनाथ को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल घोषित कर दिया गया था।

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