प्रियंका के फार्मूले पर छत्तीसगढ़ का महासमुंद जिला
अगर छत्तीसगढ़ में प्रियंका गांधी के फार्मूले पर अमल हुआ तो महासमुंद जिले का सियासी समीकरण पूरी तरह बदलता नजर जायेगा | इस जिले में बसना, सरायपाली , खल्लारी और महासमुंद कुल 4 विधानसभा सीटें हैं | जिले की राजनीतिक तस्वीर पर नज़र डालें तो चारों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस और भाजपा में महिला दावेदारों की क़तार नज़र आती है।
अगर छत्तीसगढ़ में प्रियंका गांधी के फार्मूले पर अमल हुआ तो महासमुंद जिले का सियासी समीकरण पूरी तरह बदलता नजर जायेगा | इस जिले में बसना, सरायपाली , खल्लारी और महासमुंद कुल 4 विधानसभा सीटें हैं | जिले की राजनीतिक तस्वीर पर नज़र डालें तो चारों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस और भाजपा में महिला दावेदारों की क़तार नज़र आती है।
deshdigital team
19 अक्टूबर 2021` को लखनऊ में कांग्रेस की महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने एलान किया था कि आगामी विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिए जाएंगे।
प्रियंका वाड्रा का यह ऐलान चुनावी जुमले तक ही सीमित नहीं रहा | उन्होंने कर दिखाया, और प्रत्याशियों की जारी पहली सूची में 125 प्रत्याशियों में 50 महिलाएं हैं , यानि 40 फीसदी महिलाओं को जगह दी है |
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होते ही छत्तीसगढ़ में भी सियासी हलकों में चर्चाएँ शुरू हो गई हैं कि क्या छत्तीसगढ़ में भी यह फार्मूला लागू किया जायेगा ?
वैसे तो छत्तीसगढ़ में चुनाव 2 बरस बाद होने हैं लेकिन इस घोषणा का असर कांग्रेस शासित अन्य राज्यों पर पड़ना स्वाभाविक है | खुद प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसे नई राजनीति करार दिया है| उन्होंने घिसी –पिटी राजनीति से इतर रणनीतियाँ तैयार कर दी नतीजा तमाम दीगर पार्टियाँ पीछे रह गई हैं |
सूबे के मुखिया भूपेश बघेल पर कांग्रेस हाईकमान ने जिस तरस भरोसा जता यूपी की जिम्मेदारी दी है,उससे इस सम्भावना को बल मिलता है कि यहाँ भी वे इस फार्मूले को लागू करें| चुनावों के नतीजे भी अगले कुछ दिनों में सामने आयेंगे और वे इसकी दशा-दिशा तय करेंगे|
अगर यूपी में यह फार्मूला कामयाब हुआ तो भूपेश बघेल शायद ही इसे छत्तीसगढ़ में भी अपनाने देर करेंगे | जिस तरह से गाँधी परिवार में उनकी साख बनी हुई है वे बरक़रार रखना चाहेंगे |
लिहाजा इस फैसले से छत्तीसगढ़ की राजनीति में दूरगामी असर देखने को मिल सकता है | महिलाओं की राजनीति में दिलचस्पी बढ़ेगी । अपने कार्यक्षेत्र में सफल महिलाओं को एक अवसर मिला सकेगा |
बता दें प्रियंका गाँधी ने उन महिलाओं को चुनावी समर में उतारा है जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल किया है| इनमें अभिनेत्री से लेकर पत्रकार, संघर्षशील महिलाएं और समाजसेविकाएं हैं |
प्रियंका के फार्मूले का छत्तीसगढ़ में भी अमल हुआ तो प्रदेश के चर्चित महासमुंद जिले की विधान सभा के हालात पूरी तरह बदले नजर आयेंगे | कभी इस जिले में प्रशासन की कमान महिला अफसरों के हाथों रह चुकी है जो सुर्ख़ियों में बनी रही |
बहरहाल, कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों ने अपने इस जिले की कमान महिलाओं को सौंपी है | कांग्रेस ने डॉ. रश्मि चंद्राकर को तो भाजपा ने पूर्व विधायक रूपकुमारी चौधरी को जिलाध्यक्ष बनाया है |
कांग्रेस ने घोषणा ही नहीं की बल्कि उसे अमल में भी लाया । प्रियंका के वर्तमान फार्मूले पर उंगली उठाने वाले कभी महिला आरक्षण के पक्षधर नहीं रहे तभी तो इनकी मुख्य संस्था आर एस एस में एक भी महिला सदस्य नहीं है। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में दबी कुचली एवम न्याय की तलाश में भटक रही महिलाओं को हो प्रत्याशी बना कर उन्हें उनकी ताकत का एहसास कराने का प्रयास किया है। छत्तीसगढ़ में समय आने पर लागू हो जाएगा।
-डॉ रश्मि चंद्राकर
महासमुंद जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र आते हैं | जिले की राजनीतिक तस्वीर पर नज़र डालें तो चारों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस और भाजपा में महिला दावेदारों की क़तार नज़र आती है।
कांग्रेस हमेशा से ही महिला विरोधी रही है। कांग्रेस वास्तव में महिलाओं की चिंता करती तो दो तिहाई से अधिक बहुमत वाली छत्तीसगढ़ सरकार में महिलाओं को पर्याप्त नेतृत्व मिलना चाहिए था। इसके अलावा निगम मंडल नियुक्तियों में भी महिलाओं को नजर अंदाज किये जाने से प्रियंका की घोषणा मात्र चुनावी हथकंडा प्रतीत होती है।
-रूप कुमारी चौधरी
बसना विधानसभा: इन विधानसभा में संभावित महिला प्रत्याशियों की चर्चा करते बसना विधानसभा के तहत आनेवाले पिथौरा के वरिष्ठ पत्रकार रजिंदर खनूजा का कहते हैं, भाजपा ने पिछले चुनाव में बसना विधानसभा से रूपकुमारी चौधरी की जगह डीसी पटेल को मैदान में उतारा था । बसना से भाजपा के एक अन्य दावेदार सम्पत अग्रवाल ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा जिसे पार्टी ने निष्कासित कर दिया। नतीजा महिलाओं में अब रूपकुमारी चौधरी भाजपा का प्रमुख चेहरा बनी हुई हैं | जिलाध्यक्ष होने के नाते और वे और भी मज़बूत दावेदार मानी जा सकती हैं ।
यदि भाजपा ने रूपकुमारी चौधरी को प्रत्याशी बनाया तो कांग्रेस भी उनके मुकाबले एक महिला नेत्री को टिकट देने मज़बूर हो सकती है।
कांग्रेस के पास बसना सीट से एक सशक्त महिला नेत्री उषा पटेल हैं जो वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। वे मुख्यमंत्री बघेल की क़रीबी भी मानी जाती हैं।
इसके अलावा पूर्व जिला पंचायत सदस्य मंदाकिनी साहू और सरायपाली की पूर्व विधायक पुखराज सिंह भी दावेदारों में से माने जा सकते हैं |
सरायपाली विधानसभा: सरायपाली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस से चौहान सेना की प्रदेशाध्यक्ष चातुरी नंद और सकुन डहरिया तो भाजपा से पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष सरला कोसरिया और पूर्व जिला पंचायत सदस्य सरस्वती चौहान प्रमुख नेत्रियों में हैं जो दावेदारी जता सकती हैं |
महासमुंद विधानसभा: महासमुंद के वरिष्ठ पत्रकार के पी साहू कहते हैं छत्तीसगढ़ में प्रियंका फ़ार्मूला चला तो महासमुंद विधानसभा की राजनीति एक नई दिशा की ओर जा सकती है। भाजपा भी महिलाओं को टिकट देने में गुरेज़ नहीं कर सकती क्योंकि आधी आबादी को नाराज करने की जोखिम अब वह भी नहीं उठा सकेगी। आज की महिलाएँ पढ़ी-लिखी होने के साथ-साथ राजनीति की बारीकियों को भी अच्छी तरह समझती हैं।
वैसे दोनों पार्टियां प्रत्याशियों की घोषणा करने में जान बूझकर देर कर सकती हैं । जो पार्टी जहां से महिला प्रत्याशी की पहले घोषणा करेगी वहां से दूसरी पार्टी भी महिला प्रत्याशी उतारने विवश होगी।
महासमुंद विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो कांग्रेस से पार्टी की जिलाध्यक्ष डॉ. रश्मि चंद्राकर, पूर्व नपा अध्यक्ष एवं नपा नेता प्रतिपक्ष राशि त्रिभुवन महिलांग, पूर्व जिला पंचायत सदस्य बृजेन हीरा बंजारे, तुमगांव की पूर्व नपं अध्यक्ष श्रीमती मीना सुनील शर्मा, पूर्व नपाध्यक्ष अनिता रावटे सशक्त महिला नेत्रियों में से हैं जिनके नामों पर विचार किया जा सकता है ।
वहीं भाजपा से संगीता पूनम चंद्राकर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य गोपा मोती साहू, पूर्व जिला पंचायत सदस्य पार्वती राधेश्याम साहू, सुधा साहू और पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष किरण ढीढी सशक्त महिला नेत्रियों में से हैं जो दावेदारी जता सकती हैं |
खल्लारी विधानसभा: खल्लारी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस से जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल, जिला पंचायत सदस्य बसंता ठाकुर, बसंती बघेल, शिक्षिका एवं भागवत कथावाचिका यामिनी साहू व जिला पंचायत सदस्य सीमा निर्मलकर को दावेदार माना जा सकता है।
वहीँ भाजपा से अलका नरेश चंद्राकर, जनपद अध्यक्ष स्मिता हितेश चंद्राकर और अमृता नरेंद्र चंद्राकर के नाम प्रमुख हैं |
बहरहाल, प्रियंका के फार्मूले ने घिसी –पिटी राजनीति से इतर रणनीतियाँ बना दी है अब युवाओं और महिलाओं की ये कामयाबी वोट में कितनी तब्दील होती है, यह तो आनेवाला वक्त बतायेगा | साथ ही छत्तीसगढ़ में इसे लागू करने का फैसला भी |