बसना विधान सभा: रूपकुमारी चौधरी के लिए सम्पत एक चुनौती !

बसना विधान सभा से टिकिट की दौड़ में शामिल रूपकुमारी चौधरी के लिए सम्पत अग्रवाल एक चुनौती बनकर खड़े हैं | करीब 1 लाख सदस्य वाले सेवा भावी संस्था नीलांचल समिति की गतिविधियाँ महासमुंद भाजपा के लिए चुनौती बनी हुई है |

0 958
Wp Channel Join Now

 

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए अभी 2 बरस बाकी हैं | हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनावों में जीत के बाद कांग्रेस सरकार ने पंचायत चुनावों की भी घोषणा कर दी है | पंचायत चुनाव को जमीनी स्तर पर किसी पार्टी की पकड को मापा जाता है | जमीनी स्तर पर पकड किसी प्रत्याशी की दिशा और दशा दोनों को तय करता है | इसलिए चुनाव के करीब आते-आते हर दावेदार सक्रिय हो जाता है |

-डॉ. निर्मल कुमार साहू 

विशेष रिपोर्ट

महासमुंद जिले के बसना विधानसभा में इन दिनों इसी तरह की एक सियासी हलचल शुरू हो गई है | विगत विधानसभा चुनाव में टिकिट न मिलने पर भाजपा से बागी होकर 50 हजार वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर काबिज रहे सम्पत अग्रवाल अपने सेवा भावी संस्था नीलांचल समिति का विस्तार कर रहे हैं |

करीब आधा लाख सदस्य सदस्य वाले सेवा भावी संस्था नीलांचल समिति की गतिविधियाँ महासमुंद भाजपा के लिए चुनौती बनी हुई है | एक तरह से सम्पत अग्रवाल की कार्यशैली से भाजपा अब टूट की कगार पर पहुँचती दिख रही है | भाजपा के दिग्गजों के सामने भी अब अकेले सम्पत अग्रवाल भारी पड़ते दिख रहे है।

नीलांचल सेवा समिति  के बैनर तले जिले के करीब सभी छोटे -बड़े चुनाव में भाजपा का ही सूपड़ा साफ करने लगे है। वहीँ जिला नेतृत्त्व से नाराज कार्यकर्त्ता नीलांचल से जुड़ते जा रहे हैं |

नीलांचल सेवा समिति के माध्यम से क्षेत्र में की जा रही सेवा कार्यों से प्रभावित होकर भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिनिधि कामेश बंजारा ने समिति की सदस्यता ग्रहण की।

इधर नीलांचल में प्रवेश करने वाले नेताओं को मात्र पद मुक्त किया जा रहा है। तकनीकी कारणों से उन्हें पार्टी से निष्काषित नहीं किया जा रहा है। इससे भाजपा नेता एवम कार्यकर्ता अब स्वतंत्र रूप से भाजपा में रहते हुए भी नीलांचल सेवा समिति के बैनर तले कार्य कर पार्टी को खासी चोट पहुंचा संकट पैदा कर रहे हैं।

इधर भाजपा जिलाध्यक्ष भी किसी भी भाजपा कार्यकर्ता पर कठोर कार्यवाही करने से हिचक रही है| जिससे पार्टी के अन्य समर्पित कार्यकर्ताओं पर निराशा का भाव स्वाभाविक है |

नीलांचल सेवा समिति की बढती संख्या और समिति के बैनर तले  बढती साख से भाजपा से निष्काषित सम्पत अग्रवाल को अब भाजपा प्रवेश की उम्मीद बंध रही है | अब उनके बढ़ते समर्थकों ने उनको भाजपा में प्रवेश की मांग भी बुलंद कर दी है।

पढ़ें: नीलांचल का विस्तार ,संपत ने विक्की,स्वप्निल को दी ज़िम्मेदारी 

भाजपा ही नीलांचल के निशाने पर

कहने को  तो नीलांचल सेवा समिति गैर राजनीतिक सेवा भावी संस्था है, पर चुनावों में उसके सदस्य भाजपा के खिलाफ ही सक्रिय देखे गये हैं |

राजनितिक जानकारों की मानें तो चुनावो के समय इनकी सहभागिता भाजपा को नीचा दिखाने में ही होती है। मसलन स्थानीय निकाय के चुनावों , पंचायत, जनपद एवम नगर पंचायत में बकायदा सँगठन के नाम से ही प्रत्याशी चुनाव लड़ते हैं और भाजपा प्रत्याशी के हारने के जश्न भी मनाते देखे जा सकते है।

पढ़ें : बसना नगर पंचायत: भाजपा नेता ही जिला नेतृत्व पर उंगली उठाने लगे

उदाहरण के तौर पर नगर पंचायत बसना  के अध्यक्ष एवम उपाध्यक्ष दोनों पद नीलांचल सदस्यों के पास है | इसके अलावा अभी हाल में हुए बसना नगर पंचायत वार्ड के उपचुनाव में भी नीलांचल प्रत्याशी की भारी मतों से जीत हुई|

यानि यह तमाम गतिविधियाँ  यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि महासमुन्द जिले में भाजपा के भीतर सब कुछ सही नही चल रहा है।

महासमुंद भाजपा जिलाध्यक्ष अकेले !

महासमुंद जिले की चर्चित बसना विधान सभा क्षेत्र जहां से भाजपा की जिलाध्यक्ष रूपकुमारी चौधरी स्वयम ही विधायक रह चुकी है। अब जिलाध्यक्ष के पद पर रहते हुए वह पूरी तरह अकेली नजर आ रही हैं|

भाजपा से नीलांचल की ओर जाने वाली भगदड़ में जिले का एक भी भाजपा नेता सामने नहीं आया। भाजपा के प्रदेश स्तर के नेताओं ने भी चुप्पी साध ली | जिससे यह भी महसूस होने लगा है कि बसना विधान सभा में टिकिट की दौड़ से रूपकुमारी चौधरी को टिकिट से दूर रखने का कोई षड्यंत्र तो काम नहीं  कर रहा।

 

पिछले दिनों भाजपा जिला नेतृत्व के खिलाफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से शिकायत की गई थी | इस दौरान सम्पत समर्थकों  ने सम्पत के भाजपा प्रवेश की मांग की है |  बता दें  इस दौरान भी भाजपा से निष्काषित सम्पत अग्रवाल भी इन समर्थकों के साथ थे |

पढ़ें : विष्णु देव साय से रूपकुमारी की शिकायत ,संपत को भाजपा में शामिल करने की मांग

बसना विधानसभा के भाजपा के ही एक प्रमुख कार्यकर्ता का कहना था,  सम्पत अग्रवाल को फिर से पार्टी में शामिल करना भाजपा की मजबूरी है | देर सबेर पार्टी उन्हें शामिल करेगी | पार्टी टिकिट शायद दे न दे , संगठन की एक जिम्मेदारी देकर चुनाव से दूर कर सकती है|

 

सम्पत अग्रवाल चुनौती बने

सियासी जानकारों की मानें तो बसना विधान सभा से टिकिट की दौड़ में शामिल रूपकुमारी चौधरी के लिए ,  सम्पत अग्रवाल एक चुनौती बनकर खड़े हैं |

बहरहाल, नीलांचल सेवा समिति के संचालक और भाजपा से निष्काषित सम्पत अग्रवाल के नजदीकी समर्थक भी  सम्भावना जता रहे हैं कि वे पार्टी में प्रवेश एवम बसना विधानसभा से टिकिट नहीं  मिलने पर एक बार फिर निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतर सकते हैं |

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.