POCSO टीनएज रोमांस के लिए नहीं: कोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक पोक्सो आरोपी को जमानत दे दी। कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण में कहा कि पॉक्सो अधिनियम की योजना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि उसका इरादा टीनएज के बीच के रोमांटिक संबंध को अपने दायरे के भीतर लाने का नहीं है।
इलाहाबाद | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक POCSO आरोपी को जमानत दे दी। कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण में कहा कि पॉक्सो अधिनियम की योजना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि उसका इरादा टीनएज के बीच के रोमांटिक संबंध को अपने दायरे के भीतर लाने का नहीं है।
जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की खंडपीठ ने यह भी टिप्पणी की कि बच्चे को माता-पिता के प्यार और स्नेह से वंचित करना बेहद कठोर और अमानवीय होगा। इससे नासमझ किशोरों का जीवन बर्बाद हो जाएगा | आरोपी और नाबालिग पीड़ित दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं और उन्होंने शादी करने का फैसला किया।
इस मामले में कोर्ट ने आरोपी को पीड़ित लड़की और उसके नाबालिग बच्चे के नाम पर 5 लाख रूपये का बैंक ड्राफ्ट जमा करने का निर्देश दिया| कोर्ट ने कहा कि अपराध भले ही गंभीर है, लेकिन इसे सार्थक ढंग से लागू किया जाना चाहिये |
कोर्ट ने कहा कि POCSO पॉक्सो अधिनियम की योजना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि उसका इरादा किशोर या किशोरी के बीच के रोमांटिक संबंध को अपने दायरे के भीतर लाने का नहीं है।
जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा, “निःसंदेह कानून की नजर में नाबालिग लड़की की सहमति का कोई महत्व नहीं है, लेकिन वर्तमान परिदृश्य में जहां लड़की ने आवेदक से बच्चे को जन्म दिया है और उसके अदालत को पहले बयान, उसने अपनी मां को जन्म दिया है।” पिता के साथ जाने से इंकार कर दिया है और पिछले चार-पांच महीने से अपने नवजात बच्चे के साथ सबसे अमानवीय स्थिति में सरकारी बाल गृह (लड़की) खुल्दाबाद, प्रयागराज में रह रही है, यह अपने आप में दयनीय है और यह उसे दुख देता है।
सरकारी बाल गृह (बालिका), खुल्दाबाद, प्रयागराज के प्रभारी को पीड़ित लड़की को उसके बच्चे के साथ रिहा करने का निर्देश देते हुए, कोर्ट ने यह भी कहा कि बच्चे को उसके प्यार और स्नेह से वंचित करना बेहद कठोर और अमानवीय होगा।
बता दें उक्त आरोपी अपनी प्रेमिका 14 वर्षीय लड़की (पीड़िता) को लेकर कथित रूप से भाग गया था। प्रेमी ब्राह्मण है जबकि प्रेमिका दलित है। कोर्ट ने कहा कि वे दोनों घर से भाग गए थे और एक मंदिर में शादी कर ली। लगभग दो साल तक साथ रहे। इस दौरान लड़की ने एक बच्चे को जन्म भी दिया।
वर्ष 2019 में नाबालिग लड़की के पिता ने आरोपी/जमानत आवेदक (अतुल मिश्रा) के खिलाफ इस आरोप के साथ एफआईआर दर्ज कराई कि उसकी नाबालिग बेटी को आरोपी ने बहकाया । बाद में आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366 और धारा 376; पोक्सो अधिनियम, 2012 और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धारा 3(2)v, 3(2) के तहत मामला दर्ज किया गया।