राहुल गांधी का बड़ा बयान: विपक्ष ने सरकार को हर कार्रवाई के लिए दिया पूर्ण समर्थन

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद विपक्षी नेता राहुल गांधी ने सरकार को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है. इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद देश में गुस्सा और आक्रोश फैल गया. राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष आतंकवाद के खिलाफ किसी भी कार्रवाई में सरकार के साथ खड़ा है.

राहुल गांधी का बयान

पहलगाम हमले के बाद आयोजित सर्वदलीय बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई समझौता नहीं हो सकता. विपक्ष ने सरकार को हर तरह की कार्रवाई के लिए पूर्ण समर्थन दिया है, चाहे वह कूटनीतिक हो या सैन्य. देश की एकता और सुरक्षा सर्वोपरि है.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस हमले के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

राहुल गांधी का संदेश: “हम सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए सभी को एकजुट होना होगा.” – राहुल गांधी

पहलगाम हमले का पृष्ठभूमि

पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हाल के वर्षों में सबसे घातक हमलों में से एक है, जिसमें ज्यादातर पर्यटक मारे गए. इस हमले ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा चूक की बात स्वीकारी थी और जांच के आदेश दिए थे. हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया और सिंधु जल समझौते को निलंबित करने जैसे कड़े कदम उठाए.

विपक्ष की एकजुटता

राहुल गांधी के इस बयान ने विपक्ष की एकजुटता को दर्शाया है. सर्वदलीय बैठक में अन्य विपक्षी नेताओं ने भी आतंकवाद के खिलाफ सरकार के कदमों का समर्थन किया. हालांकि, कुछ नेताओं ने यह भी मांग की कि सरकार सुरक्षा खामियों को दूर करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाए. विपक्ष ने यह भी सुझाव दिया कि जम्मू-कश्मीर में खुफिया तंत्र को और मजबूत किया जाए.

सरकार की कार्रवाई

हमले के बाद सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों को “कल्पना से परे सजा” देने का वादा किया है. भारतीय वायुसेना ने जम्मू-कश्मीर में युद्धाभ्यास शुरू किया है, जिसमें पहाड़ी और जमीनी ठिकानों पर हमले का अनुकरण किया जा रहा है. इसके अलावा, भारत ने G20 देशों के राजदूतों को हमले की जानकारी देकर पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की रणनीति अपनाई है.

राहुल गांधी का यह बयान राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की एकजुटता आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. यह पहली बार नहीं है जब विपक्ष ने आतंकवाद के मुद्दे पर सरकार का साथ दिया है, लेकिन मौजूदा तनावपूर्ण माहौल में यह बयान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.

 

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