ओडिशा : बच्चों ने कुत्ते की बलि दी, खून पिया

ओडिशा के बलांगीर जिले में बच्चों द्वारा कुत्ते की बलि और उसका खून पीने की घटना सामने आई है | बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है |

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भुवनेश्वर| ओडिशा के बलांगीर जिले में बच्चों द्वारा कुत्ते की बलि और उसका खून पीने की घटना सामने आई है | बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है |

ओडिशा के कई इलाकों में जानवरों की बलि की सदियों पुरानी परंपरा  बाली (बलिदान) अनुष्ठान किया जाता है | इस तरह के धार्मिक अनुष्ठानों का बच्चों पर हो रहे  असर  का एक नमूना बलांगीर जिला मुख्यालय से लगे पंडारापिता गाँव में सामने आया |

ओटीवी के मुताबिक पंडारापिता गाँव में बच्चों ने खेल –खेल में बाली (बलिदान) अनुष्ठान किया | महज 5 से 8 बरस की उम्र के ये बच्चे प्लास्टिक के ड्रम को पीटते हुए एक जुलूस निकाला और भगवान को खुश करने के लिए पिल्ला की बलि देने से पहले प्रार्थना की।

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इन बच्चों में से एक ने पुजारी की भूमिका निभाई और कर्मकांड सम्पन्न कराया | पिल्ले की बलि दी गई | बच्चों ने प्रसाद  के रूप में पिल्ला का खून  पिया |

जब बच्चों के अभिभावकों को इसका पता चला तो किसी अनहोनी के मद्देनजर जिला अस्पताल ले गये | जहां बच्चों का इलाज चल रहा है| बच्चों को रेबीज रोधी  टीके की  चार खुराकें दी गई हैं| सभी बच्चों की हालत स्थिर है |

बताया गया कि बलांगीर में आदिवासी उत्सवों जैसे सुलिया जात्रा, पटखंड जात्रा और कांडुल जात्रा के दौरान बेशुमार जानवरों की बलि दी जाती है। बच्चों सहित सभी उम्र के लोग  इस अनुष्ठानों को देखने जुटते हैं।

जानकारों का कहना है कि बच्चों में अनुकरण की प्रवृति बहुत होती है | इन बच्चों ने जानवरों की बलि देखी होगी और उसका अनुकरण किया होगा |

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