जंगलों में छिपे नक्सलियों को रात में भी ढूंढ निकालेगा ‘माइक्रो यूएवी ए-410
सीआरपीएफ के बेड़े में जल्द ही होगा शामिल
नई दिल्ली | जंगलों में छिपे नक्सलियों को रात में भी ढूंढ निकालेगा आधुनिक तकनीक से निर्मित ड्रोन ‘माइक्रो यूएवी ए-410, यह यूएवी नेत्र-वी2 का अपग्रेडेड वर्जन है| जल्द ही यह सीआरपीएफ के बेड़े में शामिल होने जा रहा है|
नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जल्द ही आधुनिक तकनीक से निर्मित ड्रोन से लैस होने वाला है।
‘माइक्रो यूएवी ए-410’ मानवरहित ड्रोन है| यह मई तक सीआरपीएफ को उपलब्ध हो जाएगा। हथियार व बैटरी के साथ इसका वजन लगभग छह किलो होगा। सीआरपीएफ नेत्र-वी2 का इस्तेमाल नक्सली प्रभावित इलाकों में कई वर्षो से कर रहा है। यह यूएवी कई मौकों पर निगरानी, सैन्य-परीक्षण और रेस्क्यू ऑपरेशंस में बहुत कारगर साबित हुआ है।
बहरहाल, ‘माइक्रो यूएवी ए-410’ 35 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ सकता है और लगभग एक घंटे तक 600 मीटर की ऊंचाई पर लगातार उड़ान भर सकता है। इसमें दिन और रात के लिए दो कैमरे (डुअल कैमरा सिस्टम) लगे हुए हैं। दिन वाले कैमरे का रिजॉल्यूशन 1,280 गुणा 720 पिक्सेल है। थर्मल इमेजिंग कैपेसिटी से युक्त नाइट कैमरे का रिजॉल्यूशन 640 गुणा 480 पिक्सेल है। इसकी लैंडिंग और टेक-ऑफ बहुत सुगम है।
आस्टेरिया एयरोस्पेस द्वारा निर्मित ‘मेड इन इंडिया’ ड्रोन को अप्रैल अथवा मई के अंत तक सीआरपीएफ के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा। एक ‘माइक्रो यूएवी ए-410’ की अनुमानित कीमत 12 से 15 लाख रुपये तक हो सकती है।
सूत्रों ने बताया कि इस वर्ष मॉनसून से पूर्व नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू करने से पहले इस ड्रोन की खरीद सीआरपीएफ को और मजबूती प्रदान करने की प्रक्रिया का ही एक हिस्सा है।