मुहम्मद यूनुस के पूर्वोत्तर पर बयान से भारत में नाराजगी, असम CM ने बताया ‘आपत्तिजनक’, कांग्रेस ने विदेश नीति पर उठाए सवाल
नई दिल्ली: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर दिए गए बयान ने भारत में तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर दी है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे “आपत्तिजनक” करार दिया, वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ढाका के रवैये को पूर्वोत्तर के लिए खतरनाक बताया और केंद्र की विदेश नीति पर सवाल उठाए.
यूनुस ने यह टिप्पणी चीन की अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान की, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उन्होंने कहा, “भारत के सात पूर्वी राज्य, जिन्हें ‘सात बहनें’ कहा जाता है, एक भू-आबद्ध क्षेत्र हैं. इनका समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है.” उन्होंने बांग्लादेश को इस क्षेत्र के लिए “समुद्र का संरक्षक” बताते हुए कहा कि इससे चीन की अर्थव्यवस्था के लिए नई संभावनाएं खुलती हैं. यह बयान ऐसे समय आया है जब शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद ढाका ने बीजिंग के साथ नजदीकी बढ़ाई है. भारत, जहां शेख हसीना को शरण मिली है, अंतरिम सरकार के भू-राजनीतिक कदमों पर नजर रख रहा है.
असम CM और त्रिपुरा नेता का कड़ा जवाब
हिमंत बिस्वा सरमा ने यूनुस के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि यह भारत के रणनीतिक ‘चिकन्स नेक’ कॉरिडोर की कमजोरी को उजागर करता है. यह पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में स्थित वह संकरा रास्ता है जो पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है. उन्होंने कहा, “ऐसे उकसावे वाले बयानों को हल्के में नहीं लेना चाहिए. हमें चिकन्स नेक के आसपास मजबूत सड़क और रेल नेटवर्क विकसित करना चाहिए, साथ ही वैकल्पिक मार्गों पर काम करना चाहिए.”
त्रिपुरा की टिपरा मोथा पार्टी के नेता प्रдыोत माणिक्य ने भी कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने कहा, “भारत को चटगांव में रहने वाले स्वदेशी लोगों का समर्थन कर समुद्र तक पहुंच बनानी चाहिए, जो कभी वहां शासन करते थे. 1947 में इस बंदरगाह को छोड़ना भारत की बड़ी भूल थी. यूनुस खुद को समुद्र का संरक्षक समझ सकते हैं, लेकिन वह 85 साल की उम्र में एक अस्थायी नेता हैं.” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बांग्लादेश में रहने वाले त्रिपुरी, गारो, खासी और चकमा समुदायों के हितों को ध्यान में रखकर भारत को रणनीति बनानी चाहिए.
कांग्रेस और विशेषज्ञों की चिंता
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने कहा, “बांग्लादेश का यह रवैया पूर्वोत्तर की सुरक्षा के लिए खतरनाक है. केंद्र सरकार मणिपुर पर ध्यान नहीं दे रही, अरुणाचल में चीन गांव बसा रहा है, और जिस देश के निर्माण में हमने मदद की, वही अब हमें घेरने की कोशिश कर रहा है.” वहीं, पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने सवाल उठाया कि यूनुस ने सात राज्यों का जिक्र क्यों किया. उन्होंने कहा, “चीन बांग्लादेश में निवेश कर सकता है, लेकिन भारत के सात राज्यों का भू-आबद्ध होना इसमें कहां से आता है?”
बांग्लादेश में भारत की पूर्व उच्चायुक्त वीणा सिकरी ने भी यूनुस के बयान की निंदा की. उन्होंने कहा, “यह चौंकाने वाला है. यूनुस को यह अधिकार नहीं कि वह ऐसा बयान दें. पूर्वोत्तर भारत का अभिन्न हिस्सा है और बंगाल की खाड़ी तक उसकी पहुंच को लेकर बांग्लादेश सरकार के साथ औपचारिक समझौते हैं.”
हालांकि, बांग्लादेश के मुक्ति दिवस पर पीएम मोदी ने यूनुस को पत्र लिखकर दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई थी, लेकिन इस नए बयान ने तनाव फिर बढ़ा दिया है.