कोलकाता: मुर्शिदाबाद में हालिया हिंसा के बाद उत्पन्न स्थिति को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. हिंसा के कारण कई परिवारों के घर छोड़ने की रिपोर्ट और संपत्ति के नुकसान के बाद, हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद के मौजूदा हालात की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक समिति गठित करने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चॉधुरी की डिवीजन बेंच ने यह आदेश दिया.
यह हिंसा हाल ही में वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान उत्पन्न हुई थी. मुर्शिदाबाद के विभिन्न इलाकों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं, जिसके कारण कई परिवारों को अपने घरों से पलायन करना पड़ा. इस हिंसा को लेकर भाजपा नेता और अधिवक्ता प्रियंका टिबरेवाल और अधिवक्ता संजीता समंती ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच की मांग की थी, लेकिन डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया कि फिलहाल एनआईए जांच की आवश्यकता नहीं है.
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बंद्योपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि अब तक जंगीपुर पुलिस क्षेत्र में 274 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मुर्शिदाबाद पुलिस ने 2 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने यह भी कहा कि 38 परिवार जो अपने घर छोड़कर भाग गए थे, अब अपने घर वापस लौट आए हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं.
हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में एनआईए जांच की मांग पर कहा कि केंद्र सरकार के पास अपने अधिकार क्षेत्र में एनआईए जांच शुरू करने की क्षमता है, और यदि वे चाहें तो इसे लागू कर सकते हैं. इसके बजाय, कोर्ट ने मुर्शिदाबाद की स्थिति की सघन जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया है. यह समिति राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग और राज्य लीगल सर्विसेज अथॉरिटी से एक-एक अधिकारी को शामिल करेगी.
यह समिति प्रभावित परिवारों को पहचानने, संपत्ति के नुकसान का आंकलन करने, एफआईआर की स्थिति का विश्लेषण करने और जिन परिवारों ने एफआईआर दर्ज नहीं किया है, उनकी मदद करने का कार्य करेगी. समिति को यह सुनिश्चित करना होगा कि पलायन करने वाले परिवारों को कोई असुविधा न हो. कोर्ट ने आदेश दिया कि यह समिति आगामी सुनवाई से पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे.
इसके अलावा, कोलकाता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया. भाजपा नेता प्रियंका टिबरेवाल ने मुर्शिदाबाद के घुसपैठियों से मिलने का इरादा जताया था, जिसके बारे में कोर्ट ने कहा कि वह चाहें तो मालदा जा सकती हैं. मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी.