कर्नाटक सरकार का 4 प्रतिशत आरक्षण बिल विवादों में, भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोला

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बैंगलोर: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सोमवार को संविधान पर उनके बयान को लेकर भाजपा के खिलाफ पलटवार किया. उन्होंने कहा, “मैं एक समझदार, वरिष्ठ राजनेता हूं, श्री नड्डा से ज्यादा. मैं पिछले 36 सालों से विधानसभा में हूं. मेरे पास बुनियादी सामान्य समझ है. मैंने casually कहा था कि विभिन्न निर्णयों के बाद बहुत से बदलाव होंगे. जैसे कि पिछड़े वर्गों के कोटे के अनुसार, आरक्षण दिया गया है. मैंने यह नहीं कहा कि हम संविधान को बदलने जा रहे हैं. जो कुछ भी वे उद्धृत कर रहे हैं, वह गलत है. वे इसे गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. हम एक राष्ट्रीय पार्टी हैं…हमारी पार्टी ही है जिसने इस देश में संविधान लाया था…मैं इसके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला उठाऊंगा. मैं इसका मुकदमा लडूंगा. वे मेरा गलत उद्धरण कर रहे हैं.”

यह बयान राज्यसभा में शिवकुमार के संविधान बदलने की टिप्पणियों पर बवाल मचने के बाद आया. सदन में नेता जेपी नड्डा ने कहा था कि संविधान में यह कहा गया है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा. “कोई भी संविधान को बदल नहीं सकता, जो डॉ. भीमराव अंबेडकर के मार्गदर्शन में विकसित हुआ था,” नड्डा ने कहा.

यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब कर्नाटक राज्य मंत्रिमंडल ने अल्पसंख्यकों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए सार्वजनिक ठेके में 4 प्रतिशत आरक्षण देने वाले बिल को मंजूरी दी थी. यह संशोधन कर्नाटका ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट (KTPP) एक्ट में किया गया था, जिसका उद्देश्य इस आरक्षण को अल्पसंख्यक ठेकेदारों के लिए लागू करना था.

यह निर्णय 14 मार्च को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में लिया गया था. अधिकारियों ने संकेत दिया कि यह संशोधन आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा. सरकार के रुख को स्पष्ट करते हुए शिवकुमार ने कहा कि यह 4 प्रतिशत आरक्षण सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं, बल्कि “सभी अल्पसंख्यक समुदायों और पिछड़े वर्गों” के लिए है.

वहीं भाजपा ने इस कदम की आलोचना की है, पार्टी नेता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर हमला करते हुए इसे “संविधान विरोधी, आरक्षण विरोधी और अंबेडकर विरोधी” करार दिया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शिवकुमार ने यह स्वीकार किया कि इस तरह का आरक्षण संविधान के तहत मान्य नहीं है, लेकिन कांग्रेस इसे संविधान में संशोधन करके लागू करने को तैयार है.

पूनावाला ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी दूसरों पर संविधान बदलने का आरोप लगाते हैं, लेकिन वही कांग्रेस संविधान को बदलना चाहती है, बाबासाहेब अंबेडकर के सिद्धांतों के खिलाफ, संविधान को नष्ट करने के लिए और मुसलमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण देने के लिए.”

उन्होंने सवाल उठाया, “अब राहुल गांधी को हमें बताना चाहिए कि संविधान का असली दुश्मन कौन है,” और कहा कि उनके अनुसार, कांग्रेस ही संविधान के लिए सबसे बड़ी चुनौती पेश करती है.

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