भुवनेश्वर | ओडिशा की अदालतों में अब जज को मी लार्ड की जगह पर अब सर (महोदय) कहा जाएगा। ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने यह ऐतिहासिक फैसला लिया है।
वकील अब हाईकोर्ट के न्यायाधीश को मी लॉर्ड, योर लोर्डशिप एवं योर ऑनर से संबोधित नहीं करेंगे। वे न्यायाधीश को सर से संबोधित कर सकेंगे ।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक खंडपीठ के न्यायाधीश को मी लॉर्ड, योर लॉर्ड शिप, योर ऑनर के तौर पर संबोधन ना करने के लिए वकील एवं व्यक्तिगत तौर पर मौजूद पक्ष से अनुरोध किया गया है। इसके अलावा संबोधन से पहले उन्हें ऑनरेबल उपसर्ग को ना जोड़ने के लिए भी अनुरोध किया गया है।
सर के साथ-साथ कोर्ट की गरिमा मर्यादा के तहत तमाम दूसरे संबोधन को पद्धति के अनुसार इस्तेमाल कर सकेंगे, जो कि पर्याप्त होगी। यह बात उसमें स्पष्ट की गई है।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. जस्टिस एस.मुरलीधर और जस्टिस आर.के पटनायक को लेकर गठित खंडपीठ की तरफ से प्रकाशित सूची में इस बात का जिक्र किया गया है। ओडिशा हाईकोर्ट के इतिहास में पहला इस तरह का कदम माना जा रहा है।