रोमानिया के रास्ते लाये जा रहे भारतीय छात्र, पहला जत्था रवाना
यूक्रेन में फंसे 18 हजार से अधिक भारतीयों में से छात्रों का पहला जत्था आज शुक्रवार को यूक्रेन-टरोमानिया सीमा के लिए रवाना हुआ । इन छात्रों को रोमानिया के रास्ते भारत लाया जाएगा।
कीव/नई दिल्ली| यूक्रेन में फंसे 18 हजार से अधिक भारतीय छात्रों को रोमानिया के रास्ते भारत लाया जाएगा। छात्रों का पहला जत्था आज शुक्रवार को यूक्रेन-टरोमानिया सीमा के लिए रवाना हुआ ।
उधर यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे पोलैंड, रोमानिया और हंगरी की सीमा से लगे यूक्रेन के इलाके में आते समय अपने वाहनों पर तिरंगा चिपकाएं। दूतावास ने युद्धरत यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को अपना पासपोर्ट, आपात खर्च के लिये नगद खासकर डॉलर और जरूरी सामान हमेशा साथ रखने के लिये कहा है।
एन 7 इंडिया के मुताबिक यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों तक सड़क मार्ग के अलावा हवाई रास्ते का भी इस्तेमाल करने का फैसला किया है। इस पर आने वाला पूटा खर्च भी भारत सरकार ही उठाएगी।
एयर इंडिया टोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट के लिए दो उड़ानों का संचालन करेगी। सड़क मार्ग से यूक्रेन और रोमानिया की सीमा तक पहुंचे भारतीय नागरिकों को भारत सरकार के अधिकारी बुखारेस्ट ले जाएंगे जहां से उन्हें एयर इंडिया की उड़ानों के जरिए वापस भारत लाया जाएगा।
यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे पोलैंड, रोमानिया और हंगरी की सीमा से लगे यूक्रेन के इलाके में आते समय अपने वाहनों पर तिरंगा चिपकाएं। दूतावास ने युद्धरत यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को अपना पासपोर्ट, आपात खर्च के लिये नगद खासकर डॉलर और जरूरी सामान हमेशा साथ रखने के लिये कहा है।
दूतावास ने भारतीय नागरिकों को कहा है कि वे पोलैंड, रोमानिया और हंगरी की सीमा चौकी की ओर बढ़ें क्योंकि उन्हें यूक्रेन से बाहर निकालने के लिये वहां शिविर स्थापित किये गये हैं।
इस बीच भारत का विदेश मंत्रालय यूक्रेन में फंसे नागरिकों को स्वदेश लाने के लिये रक्षा मंत्रालय के साथ संपर्क में है। भारतीय वायुसेना के विमान वहां से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिये तैयार हैं।
बता दें पीएम नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की थी और उनसे कहा था कि रूस और नाटो के बीच का अंतर ईमानदार और गंभीर बातचीत के ही जरिये संभव है। उन्होंने साथ ही पुतिन को यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों के बारे बताया और कहा कि भारत उन्हें सुरक्षित वहां से बाहर निकालने और स्वदेश वापस लाने को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।